एवियन फ्लू: एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य संकट
एवियन फ्लू, जिसे आमतौर पर बर्ड फ्लू कहा जाता है, 2025 में एक बार फिर से वैश्विक स्वास्थ्य संकट के रूप में उभरा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, हाईली पैथोजेनिक एवियन इन्फ्लूएंजा (HPAI) H5N1 वायरस अब 500 से अधिक पक्षी प्रजातियों और कम से कम 70 स्तनधारी प्रजातियों को संक्रमित कर चुका है। यह वायरस अब तक 108 देशों और पांच महाद्वीपों में फैल चुका है, जिसमें ध्रुवीय भालू और कैलिफोर्निया कोंडोर जैसी विलुप्तप्राय प्रजातियाँ भी शामिल हैं।
इससे भी चिंताजनक बात यह है कि 2024 की शुरुआत में, पहली बार यह वायरस अंटार्कटिका के जेंटू और किंग पेंगुइन में पाया गया। भारत में भी, उत्तरी राज्यों में बर्ड फ्लू के छिटपुट प्रकोप ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर ला दिया है।
एवियन फ्लू का फैलाव कैसे होता है?
एवियन फ्लू अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से या उनके लार, पंख, मल आदि के जरिए फैलता है। इसके अलावा, पोल्ट्री फार्म्स और लाइव बर्ड मार्केट्स जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर, यह वायरस हवा के जरिए भी फैल सकता है।
मनुष्यों में एवियन फ्लू का फैलाव
- संक्रमित सतहों को छूने से।
- वायरस युक्त कणों को सांस के साथ अंदर लेने से।
- संक्रमित पक्षियों के अधपके मांस या अंडे खाने से।
बर्ड फ्लू के फैलने के प्रमुख कारण
1.वन्यजीव संक्रमण: वायरस का वन्यजीवों और स्तनधारियों में संक्रमण, मानवों के लिए अप्रत्यक्ष संपर्क के जरिए खतरा बढ़ाता है।
2. वैश्विक स्वास्थ्य संकट:
108 देशों में वायरस की मौजूदगी और व्यापार एवं यात्रा की वजह से इसका तेजी से फैलाव।
3. पोल्ट्री उद्योग की कमजोरियाँ:
पोल्ट्री फार्म्स में जैव सुरक्षा उपायों की कमी।
4. पक्षियों का मौसमी प्रवास:
प्रवासी पक्षी वायरस को महाद्वीपों में फैलाते हैं।
5.गलत खाना पकाने की आदतें:
कच्चे या अधपके मांस और अंडे खाने से H5N1 वायरस फैल सकता है।
एवियन फ्लू से बचाव के उपाय
एवियन फ्लू को रोकने के लिए व्यक्तिगत, सामुदायिक और संस्थागत प्रयासों की आवश्यकता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:
- जिंदा पक्षियों से दूरी बनाए रखें।
- पोल्ट्री उत्पादों को अच्छी तरह पकाकर खाएं।
- हाथों की सफाई का ध्यान रखें।
- पोल्ट्री फार्म्स में सुरक्षात्मक उपकरण पहनें।
- पक्षियों के संपर्क में आने वाले सतहों को नियमित रूप से साफ करें।
- विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।
- जंगली पक्षियों के साथ संपर्क सीमित करें।
मनुष्यों में एवियन फ्लू के लक्षण
अगर आप एवियन फ्लू प्रभावित क्षेत्रों से होकर आए हैं या संक्रमित पक्षियों के संपर्क में रहे हैं, तो इन लक्षणों पर ध्यान दें:
- तेज बुखार (100°F से अधिक)।
- गंभीर खांसी और गले में दर्द।
- सांस लेने में दिक्कत।
- मांसपेशियों में दर्द और थकावट।
- उल्टी या दस्त।
- आँखों में संक्रमण (कंजक्टिवाइटिस)।
एवियन फ्लू: क्या यह वैश्विक महामारी बन सकता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, H5N1 वायरस लगातार विकसित हो रहा है। अगर यह मानव-से-मानव संक्रमण में सक्षम हो गया, तो यह एक वैश्विक महामारी का रूप ले सकता है।
एवियन फ्लू के प्रभाव
आर्थिक नुकसान:
पोल्ट्री उद्योग में बड़े पैमाने पर पक्षियों की हत्या से भारी नुकसान होता है।
पारिस्थितिकीय असंतुलन:
पेंगुइन और ध्रुवीय भालू जैसे जानवरों में संक्रमण से जैव विविधता को खतरा।
टीकाकरण प्रयास:
पोल्ट्री के लिए टीके तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन मानव टीके अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में हैं।
एवियन फ्लू न केवल पक्षियों और वन्यजीवों के लिए खतरा है, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर चुनौती है। यह आवश्यक है कि हम इसके प्रसार को रोकने के लिए सतर्क रहें और सुरक्षा उपायों का पालन करें। केवल सामूहिक जागरूकता और ठोस कदमों से ही हम इस संकट को नियंत्रित कर सकते हैं।