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आखिर समुद्री जीवो का शरीर इतना बड़ा क्यों होता है ?

“गहराई बढ़ते ही जीवों का साइज क्यों बढ़ता है?” यह सवाल सुनकर क्या आपका भी दिमाग घूम गया? चलिए, आज इस सवाल के पीछे छिपे रहस्य से पर्दा उठाते हैं। समुद्र की गहराई, जहाँ न सूरज की रोशनी पहुँचती है, न आसान जिंदगी मिलती है, वहाँ के जीव अपने अस्तित्व को बचाने के लिए कैसे बदल गए और क्यों उनका आकार बड़ा हो गया, चलिए जानते है |

समुद्र की शुरुआत:

करीब 66 मिलियन साल पहले, जब पृथ्वी पर डायनासोर का राज था, तब सबकुछ बदल गया। एक बड़ा एस्ट्रॉयड गिरा, जिसने न केवल डायनासोर का अंत किया, बल्कि समुद्र की सतह पर रहने वाले जीवों को भी नई चुनौतियों में डाल दिया। गर्म होता सतही पानी और बढ़ता शिकार का दबाव जीवों को गहराई में खींच लाया। लेकिन गहराई में भी लड़ाई खत्म नहीं हुई, बल्कि यह नई और ज्यादा खतरनाक बन गई।

गहराई में छुपने के लिए जीवों की नई तरकीबें

गहरे समुद्र में हर जीव को छिपने और बचने के लिए कुछ अलग करना पड़ा।

 

  1. लाल रंग: गहरे पानी में लाल रंग नज़र नहीं आता, इसलिए कई जीवों ने शिकारियों से अपने आप को बचाने के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी उत्परिवर्तन के बाद अपनी त्वचा का रंग लाल कर लिया |
  2. बायोलुमिनेसेंस: अब जब शिकारी जलीय जीवो को अपना शिकार ढूढने में परेशानी होने लगी तो उन्होंने भी अपनी पीढ़ी दर पीढ़ी उत्परिवर्तन करके अपने शरीर में रोशनी पैदा करने का हुनर सीख लिया ताकि अंधेरे में शिकार ढूंढा जा सके।
  3. ट्रांसपेरेंट बॉडी:  कुछ अब छोटे जीवों को शिकारियों से बचने के लिए प्राक्रतिक रूप से परिवर्तित करके ने अपने शरीर को पारदर्शी बना लिया, जिससे वे शिकारी जलीय जन्तुओ की नजरो में न आ सके |

यह सब सुनकर लगता है कि समुद्र के नीचे की जिंदगी किसी साइंस फिक्शन फिल्म से कम नहीं!

बढ़ते साइज का राज: क्यों बड़े होते हैं गहरे समुद्र के जीव?

अब बात आती है असली सवाल की—गहराई में जीवों का साइज क्यों बढ़ता है?

कम तापमान और धीमा मेटाबॉलिज्म:
गहरे समुद्र का ठंडा पानी और धीमा मेटाबॉलिज्म जीवों को लंबे समय तक जीने और बड़ा होने का मौका देता है। ग्रीनलैंड शार्क, जो 400 साल तक जिंदा रहती है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

भोजन की कमी और फैट स्टोरेज:
गहराई में भोजन की कमी होती है, इसलिए जीव अपने शरीर में फैट स्टोर करते हैं। यह फैट उन्हें ऊर्जा और ठंड से बचाव दोनों देता है।

शिकारी से बचाव:
बड़े साइज के कारण शिकारी आसानी से हमला नहीं कर पाते। यह गहरे समुद्र के जीवों के लिए एक रक्षा कवच जैसा है।

आइसोलेशन इफेक्ट: समुद्र का अपना द्वीप

गहरे समुद्र का इकोसिस्टम किसी आइसोलेटेड द्वीप जैसा है। जैसे गैलापागोस द्वीप के कछुए और कॉमोडो ड्रैगन  बड़े साइज के हो गए, वैसे ही गहरे पानी के जीव भी विशाल बन गए।

समुद्र की गहराईयों में यह बदलाव सिर्फ जीवों के अस्तित्व का सबूत नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि प्रकृति हर परिस्थिति में सामंजस्य बैठा लेती है। बढ़ता दबाव, ठंडा तापमान और भोजन की कमी—इन सबके बावजूद गहरे समुद्र के जीव इवोल्यूशन के जरिए “सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट” का जीता-जागता उदाहरण बन गए।

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