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कैसे व्हेल का मूत्र समुद्री पारिस्थितिकी और जलवायु संतुलन में योगदान देता है ?

समुद्र की गहराइयों में विचरण करती विशाल व्हेलें हमेशा से वैज्ञानिकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए जिज्ञासा का विषय रही हैं। लेकिन हाल के अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि ये जीव केवल विशालकाय नहीं, बल्कि समुद्र की पारिस्थितिकी  में भी बड़ा योगदान देती हैं। व्हेल के मूत्र से लेकर उनके प्रवास तक, हर पहलू समुद्री जीवन के संतुलन और जलवायु परिवर्तन की गति को प्रभावित करता है।


फाइटोप्लैंकटन :

व्हेल जब समुद्र की गहराई में शिकार करती हैं और फिर उथले पानी में मूत्र त्यागती हैं, तो यह प्रक्रिया “व्हेल पंप” कहलाती है। यह मूत्र नाइट्रोजन और आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो फाइटोप्लैंकटन की वृद्धि में सहायक होते हैं।

Phytoplankton : illustration image, credt : istocks


फाइटोप्लैंकटन, जो समुद्र के भोजन श्रृंखला की नींव हैं, प्रकाश-संश्लेषण के माध्यम से न केवल ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं, बल्कि वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को भी अवशोषित करते हैं। इस प्रकार व्हेल अप्रत्यक्ष रूप से समुद्र और वायुमंडल दोनों को संतुलित रखने में भूमिका निभाती हैं।


कार्बन अवशोषण में व्हेल का योगदान

एक शोध के अनुसार, व्हेल मूत्र के माध्यम से पोषित फाइटोप्लैंकटन सालाना लगभग 18,180 टन कार्बन को अवशोषित करने में मदद करते हैं। यह प्रक्रिया प्रकृति द्वारा निर्मित एक शक्तिशाली “कार्बन सिंक” है, जो जलवायु परिवर्तन को धीमा करने में सहायक है।
भले ही यह अध्ययन मुख्यतः ग्रे और हंपबैक व्हेल पर आधारित हो, अन्य बलेन व्हेल की भूमिका को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस दिशा में अधिक गहन अध्ययन की आवश्यकता है।


व्हेल की यात्रा: पोषक तत्वों का महासागरीय वितरण तंत्र

व्हेल समुद्र में हजारों किलोमीटर की यात्रा करती हैं — एक जैविक कन्वेयर बेल्ट की तरह। वे उत्तर प्रशांत में भोजन करती हैं और गर्मियों में कैलिफ़ोर्निया तटों पर जाती हैं। इस प्रवास के दौरान वे पोषक तत्वों को विभिन्न क्षेत्रों में वितरित करती हैं।
इस प्रक्रिया में हर साल लगभग 46,000 टन जैविक पदार्थ और 4,000 टन नाइट्रोजन समुद्र के अलग-अलग हिस्सों में पहुँचाया जाता है। इनमें से एक बड़ा भाग व्हेल मूत्र द्वारा आता है, जो सीधे फाइटोप्लैंकटन के विकास और कार्बन अवशोषण से जुड़ा है।


संरक्षण और भविष्य के शोध की दिशा

यह निष्कर्ष स्पष्ट करते हैं कि व्हेल का संरक्षण केवल एक प्रजाति को बचाने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह पूरे समुद्री पारिस्थितिक तंत्र और जलवायु संतुलन को बनाए रखने का एक ज़रिया है।
वैज्ञानिक अब इस दिशा में और अधिक शोध की मांग कर रहे हैं ताकि व्हेल के पारिस्थितिक योगदान को पूरी तरह से समझा जा सके। इस ज्ञान से हमें बेहतर संरक्षण रणनीतियाँ बनाने में मदद मिलेगी और समुद्र की स्थिरता को बनाए रखना संभव होगा।

व्हेल हमारे समुद्रों की गहराइयों में तैरते हुए, मौन लेकिन प्रभावशाली भूमिका निभा रही हैं। उनके मूत्र से लेकर उनकी लंबी यात्राओं तक, सबकुछ समुद्र और धरती के स्वास्थ्य से जुड़ा है।

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