26 मार्च 2025 की शाम से भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पेमेंट सिस्टम में रुकावट देखी जा रही है। कई उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की है कि Google Pay, PhonePe और अन्य UPI ऐप्स काम नहीं कर रहे हैं। इससे व्यापारियों, ग्राहकों और दैनिक लेन-देन पर निर्भर लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
UPI क्या है और यह कैसे काम करता है?
UPI, यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, एक रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम है जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है। इसके माध्यम से उपयोगकर्ता अपने बैंक खातों को एक मोबाइल एप्लिकेशन से लिंक करके तुरंत पैसे भेज और प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रणाली IMPS (Immediate Payment Service) पर आधारित है, जिससे 24/7 लेन-देन संभव होता है। उपयोगकर्ता को केवल प्राप्तकर्ता का वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) या मोबाइल नंबर चाहिए होता है, बैंक डिटेल्स नहीं।
UPI ठप होने का असर
भारत में 80% से अधिक खुदरा लेन-देन UPI के माध्यम से होते हैं। जब यह सेवा बाधित होती है, तो इसका सीधा प्रभाव छोटे व्यापारियों, ऑटो चालकों, सब्जी विक्रेताओं और आम नागरिकों पर पड़ता है। कई लोग केवल डिजिटल भुगतान पर निर्भर हो गए हैं, जिससे नकदी का उपयोग कम हो गया है। लेकिन जब इस तरह की तकनीकी समस्याएँ आती हैं, तो लोग असमंजस में पड़ जाते हैं।
संभावित कारण: बैंक या एप्लिकेशन की समस्या?
UPI सेवा में रुकावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
बैंक सर्वर की समस्या: यदि किसी बैंक का सर्वर डाउन है या मेंटेनेंस में है, तो उससे जुड़े UPI लेन-देन प्रभावित हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, नवंबर 2024 में HDFC बैंक ने दो दिनों के लिए अपनी UPI सेवाएँ अस्थायी रूप से बंद रखी थीं।
एप्लिकेशन की समस्या: Google Pay, PhonePe जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स में तकनीकी खामियाँ या अपडेट के कारण भी सेवाएँ बाधित हो सकती हैं। यदि इन ऐप्स के सर्वर में कोई समस्या आती है, तो UPI लेन-देन प्रभावित हो सकते हैं।
नेटवर्क की समस्या: मोबाइल नेटवर्क या इंटरनेट कनेक्टिविटी में दिक्कतें भी UPI लेन-देन को प्रभावित कर सकती हैं।
बार-बार आ रही समस्याएँ
यह पहली बार नहीं है जब UPI सेवा प्रभावित हुई है। फरवरी 2024 में भी इसी तरह की समस्या सामने आई थी, और हाल ही में मार्च 2025 की शुरुआत में SBI के सर्वर में भी रुकावट आई थी। ऐसी घटनाएँ डिजिटल भुगतान प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती हैं।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव
शहरी क्षेत्रों में अधिकतर भुगतान डिजिटल माध्यम से होते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी अभी भी प्रचलित है। यदि बार-बार इस तरह की समस्याएँ आती रहीं, तो डिजिटल क्रांति की गति धीमी हो सकती है।
समाधान की आवश्यकता
UPI प्रणाली को अधिक मजबूत और भरोसेमंद बनाने के लिए सरकार और RBI को उचित कदम उठाने होंगे। कई महीनों से ‘ऑफलाइन UPI’ जैसी तकनीकों पर चर्चा हो रही है, लेकिन इसे अभी तक प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया है। यदि भारत को डिजिटल लेन-देन के क्षेत्र में आगे बढ़ना है, तो इस तरह की समस्याओं का जल्द समाधान निकालना आवश्यक होगा।
यदि आपको भी UPI से जुड़ी कोई समस्या हो रही है, तो NPCI और बैंक की आधिकारिक वेबसाइट्स पर अपडेट देखें। साथ ही, ऐसी परिस्थितियों के लिए थोड़ी नकदी अपने पास रखना भी एक व्यावहारिक उपाय हो सकता है।