क्या आप जानते हैं कि हमारी पृथ्वी के अंदर दो विशालकाय संरचनाएँ छिपी हैं, जो वैज्ञानिकों के अनुसार एक एलियन प्लानेट “थिया” के अवशेष हो सकते हैं? यह दावा सुनने में जितना रोमांचक है, उतना ही चौंकाने वाला भी। आइए, इस अद्भुत खोज की गहराइयों में उतरते हैं।
थिया: एक हाइपोथेटिकल एलियन प्लानेट
4.5 अरब साल पहले की बात है, जब थिया नाम का एक हाइपोथेटिकल प्लानेट पृथ्वी से टकराया। माना जाता है कि इसी टक्कर से चंद्रमा का जन्म हुआ और पृथ्वी के अंदर थिया के कुछ हिस्से रह गए।
हाल ही में, अफ्रीका और प्रशांत महासागर के नीचे पाए गए “ब्लब्स” (पत्थर के विशालकाय टुकड़े) को थिया के अवशेष बताया जा रहा है। ये संरचनाएँ इतने बड़े हैं कि इन्हें “कॉन्टिनेंट” जितना विशाल माना जाता है।
यह खोज कैसे हुई?
1960 और 70 के दशक में, वैज्ञानिक हवाई द्वीप के ज्वालामुखी विस्फोटों की जांच कर रहे थे। चौंकाने वाली बात यह थी कि ये द्वीप टेक्टोनिक प्लेट्स की सीमा से बहुत दूर थे। जब वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सभी ज्वालामुखीय हॉटस्पॉट्स का नक्शा बनाया, तो उन्हें दो मुख्य स्थानों – अफ्रीका और प्रशांत महासागर – के नीचे कुछ असामान्य संरचनाएँ मिलीं।
इन्हें समझने के लिए वैज्ञानिकों ने भूकंप के दौरान उत्पन्न सिस्मिक तरंगों का सहारा लिया। ये तरंगें अलग–अलग माध्यमों में अलग–अलग गति से चलती हैं। अफ्रीका और प्रशांत महासागर के नीचे, इन तरंगों की गति में अचानक कमी देखी गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वहाँ कुछ अलग संरचना है।
ब्लब्स: क्या वे वाकई एलियन हैं?
इन संरचनाओं को नाम दिया गया:
- अफ्रीका के नीचे वाला ब्लब: “टुजो“
- प्रशांत महासागर के नीचे वाला ब्लब: “जेसन“
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ये ब्लब्स थिया के अवशेष हो सकते हैं। लेकिन, सभी इस पर सहमत नहीं हैं।
1994 में, मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया कि ये संरचनाएँ तब बनीं, जब पैंजिया सुपरकॉन्टिनेंट टूट रहा था। समुद्र की क्रस्ट, भारी होने के कारण, मेंटल में धंस गई और वहां की उच्च तापमान और दबाव में परिवर्तन के कारण यह विशेष संरचना बनी।
ब्लब्स और ज्वालामुखी हॉटस्पॉट्स का कनेक्शन
इन ब्लब्स को ज्वालामुखी हॉटस्पॉट्स के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। अफ्रीका और प्रशांत महासागर के नीचे ये ब्लब्स शायद मेंटल प्लम्स को जन्म देते हैं, जो सतह पर ज्वालामुखी विस्फोटों का कारण बनते हैं।
क्या यह मान लेना सही है?
हालांकि थिया और इन ब्लब्स के बीच सीधा संबंध साबित नहीं हुआ है, लेकिन यह खोज निश्चित रूप से रोमांचक है। अगर यह सच साबित होता है, तो यह पृथ्वी और ब्रह्मांड के इतिहास को समझने के लिए एक बड़ा कदम होगा।
पृथ्वी के अंदर छिपे ये रहस्यमय ब्लब्स विज्ञान और खगोल विज्ञान के लिए एक नई पहेली हैं। क्या ये वाकई थिया के अवशेष हैं, या फिर कुछ और? यह सवाल अभी भी अनसुलझा है।