स्पेसएक्स एक बार फिर अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। 1 अप्रैल 2025 को, कंपनी चार अंतरिक्ष यात्रियों को ध्रुवीय कक्षा (Polar Orbit) में भेजने के लिए तैयार है। यह पहली बार होगा जब कोई मानव मिशन पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के ऊपर से गुजरेगा।
मिशन के मुख्य किरदार: अंतरराष्ट्रीय टीम
image : spaceX
“Fram2” मिशन को एक अंतरराष्ट्रीय टीम लीड करेगी, जिसमें चार अनुभवी अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं:
चुन वांग (मिशन कमांडर) – माल्टा के खोजकर्ता और क्रिप्टो उद्योग के विशेषज्ञ।
जानिक मिकेलसेन (व्हीकल कमांडर) – नार्वे की एक फिल्म निर्देशक और एयरोस्पेस विशेषज्ञ।
रबिया रोगे (मिशन पायलट) – जर्मनी की रोबोटिक्स रिसर्चर।
एरिक फिलिप्स (मेडिकल ऑफिसर) – ऑस्ट्रेलियाई ध्रुवीय अन्वेषक और चिकित्सा विशेषज्ञ।
ध्रुवीय कक्षा क्या होती है?
जब कोई उपग्रह या अंतरिक्ष यान पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों से होकर गुजरता है, तो इसे ध्रुवीय कक्षा (Polar Orbit) कहते हैं। आमतौर पर, उपग्रह भूमध्य रेखा (Equator) के आसपास चक्कर लगाते हैं, लेकिन ध्रुवीय कक्षा उन्हें पूरी पृथ्वी के ऊपर से गुजरने का मौका देती है।
इस प्रकार की कक्षा का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी के हर हिस्से को कवर करना होता है, इसलिए इसे मौसम निगरानी, पृथ्वी की मैपिंग और जासूसी उद्देश्यों के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
ध्रुवीय कक्षा क्यों महत्वपूर्ण है?
पूरी पृथ्वी की सतह को स्कैन करने की क्षमता।
जलवायु परिवर्तन की निगरानी में सहायक।
प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान और आपातकालीन सहायता में मदद।
उच्च-रिज़ॉल्यूशन पृथ्वी अवलोकन और अनुसंधान के लिए जरूरी।
ध्रुवीय कक्षा की ऊँचाई आमतौर पर 200 से 1,000 किमी के बीच होती है और इसमें उपग्रह लगभग 7.5 किमी/सेकंड की रफ्तार से यात्रा करते हैं, जिससे वे एक दिन में 15-20 बार पृथ्वी का चक्कर लगा सकते हैं।
मिशन के उद्देश्य
चार दिनों तक चलने वाले इस मिशन में स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान के भीतर कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:
पहली बार अंतरिक्ष में एक्स-रे इमेजिंग: यह तकनीक भविष्य में गहरे अंतरिक्ष अभियानों में चिकित्सा परीक्षणों के लिए मददगार साबित हो सकती है।
मांसपेशियों और हड्डियों के नुकसान पर अध्ययन: अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण मांसपेशियों और हड्डियों पर असर पड़ता है। यह अध्ययन यह समझने में मदद करेगा कि कैसे इन प्रभावों को कम किया जाए।
अंतरिक्ष में मशरूम उगाने का प्रयोग: यह अध्ययन अंतरिक्ष में भोजन की स्थिरता को समझने में मदद करेगा, जो मंगल और चंद्र अभियानों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
ध्रुवीय क्षेत्रों का अद्वितीय डेटा संग्रह: जलवायु परिवर्तन को बेहतर तरीके से समझने के लिए पृथ्वी के ध्रुवीय इलाकों पर नई जानकारी जुटाई जाएगी।
अंतरिक्ष यान से बिना किसी अतिरिक्त सहायता के बाहर निकलने की प्रक्रिया का परीक्षण: यह परीक्षण यह आकलन करेगा कि अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटने के बाद कितने सक्षम होते हैं। इस अध्ययन से मंगल और अन्य गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए रिकवरी प्रोटोकॉल में सुधार किया जा सकेगा।
मिशन की ऐतिहासिक और वैज्ञानिक अहमियत
स्पेसएक्स का यह मिशन ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि अब तक ध्रुवीय कक्षा का उपयोग केवल मानवरहित उपग्रहों के लिए किया जाता रहा है।
धरती के जलवायु मॉडल और आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाने में योगदान देगा।
अंतरिक्ष यात्रियों की मांसपेशियों की सेहत और खाद्य उत्पादन पर अध्ययन, चंद्र और मंगल अभियानों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
निजी अंतरिक्ष अभियानों की बढ़ती मांग को देखते हुए, यह ध्रुवीय कक्षा तक पहुंच के नए रास्ते खोलेगा।
स्पेसएक्स और भविष्य के ध्रुवीय मिशन
स्पेसएक्स ने अब तक पाँच निजी अंतरिक्ष मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं, जिनमें तीन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़े थे और दो पृथ्वी की कक्षा में स्वतंत्र रूप से घूमने वाले मिशन थे।
यह मिशन भविष्य में सैक्सवॉर्ड स्पेसपोर्ट (यूके), कनाडा और मेन (यूएसए) में नए लॉन्च पैड बनाने की योजनाओं को भी गति देगा।
स्पेसएक्स का Fram2 मिशन सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं, बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण का एक नया युग है। ध्रुवीय कक्षा में जाने वाला यह पहला मानव मिशन न केवल विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें पृथ्वी और अंतरिक्ष के बारे में नई समझ भी देगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि भविष्य में इस प्रकार के मिशन कैसे अंतरिक्ष विज्ञान, जलवायु अध्ययन और गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं।