क्या आप सोच सकते हैं कि पुरानी, बेकार पड़ी लैपटॉप बैटरियाँ किसी के पूरे घर को लगभग एक दशक तक बिजली दे सकती हैं? न्यूयॉर्क के फार्मिंगडेल में रहने वाले एक साधारण गृहस्वामी ने यह कर दिखाया। उन्होंने 650 से अधिक रीसायकल की गई लैपटॉप बैटरियों से ऐसा ऊर्जा तंत्र तैयार किया है जो उनके घर को 2016 से बिना किसी बाहरी ग्रिड के बिजली दे रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक कचरे को ऊर्जा स्रोत में बदलना
यह अनोखा प्रोजेक्ट नवंबर 2016 में शुरू हुआ था। इस शख्स ने फेंकी जा रही लैपटॉप बैटरियाँ इकट्ठा कीं और उनमें से लिथियम-आयन सेल्स को सावधानीपूर्वक निकाल कर एक विशेष प्रणाली में लगाया। हर बैटरी पैक लगभग 100 एंपियर-घंटा (Ah) की क्षमता वाला है, जिससे मिलकर एक बड़ी ऊर्जा भंडारण प्रणाली बनी है।
कॉपर वायरिंग का इस्तेमाल किया गया है ताकि विद्युत प्रवाह अधिक प्रभावी और सुरक्षित बना रहे। पूरी प्रणाली को घर से लगभग 50 मीटर दूर एक शेड में इंस्टॉल किया गया है, जो बैटरियों और संबंधित यंत्रों को समर्पित है।
तकनीकी समस्याओं का समाधान
शुरुआती दिनों में कई तकनीकी समस्याएँ सामने आईं, जैसे कि विभिन्न बैटरियों में डिस्चार्ज रेट का असंतुलन। इन समस्याओं को हल करने के लिए बैटरी पैक्स को बैलेंस किया गया और ज़रूरत अनुसार अतिरिक्त सेल्स जोड़े गए।
ध्यानपूर्वक योजना और मजबूत संरचना के कारण इस सिस्टम में अब तक किसी भी आग या बैटरी के फूलने जैसी घटना नहीं हुई है। आज यह प्रणाली 24 सौर पैनलों से जुड़ी हुई है, जिनमें से हर एक की क्षमता 440 वॉट है।
सौर ऊर्जा और बैटरी स्टोरेज का सम्मिलन
सौर पैनल्स इस सिस्टम की आत्मनिर्भरता का प्रमुख आधार हैं। दिन में सूर्य की रोशनी से बैटरियाँ चार्ज होती हैं, जिससे रात में भी बिजली मिलती रहती है। यह हाइब्रिड प्रणाली ग्रिड पर निर्भरता को पूरी तरह समाप्त करती है।
यूज़र का कहना है कि,
“यह सिस्टम 2016 से लगातार चल रहा है।”
सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि इन 10 वर्षों में एक भी बैटरी सेल को बदला नहीं गया है। यह लिथियम-आयन बैटरियों की टिकाऊ प्रकृति और सही मेंटेनेंस का प्रमाण है।