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क्या बिना ईंधन के अंतरिक्ष में यात्रा संभव है?

वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो आने वाले समय में अंतरिक्ष यात्रा की परिभाषा को पूरी तरह से बदल सकती है। यह नई तकनीक बिना किसी प्रोपेलेंट (ईंधन) के थ्रस्ट पैदा करने का दावा करती है — एक ऐसा सिद्धांत जो अब तक भौतिकी के मौजूदा नियमों को चुनौती देता है।

ईंधन-रहित इंजन: कल्पना या क्रांति?

साल 2001 में ब्रिटिश इंजीनियर रोजर शॉयर ने “EmDrive” नामक एक इंजन पेश किया था जो बिना किसी प्रतिक्रिया पदार्थ के थ्रस्ट पैदा करने का दावा करता था। हालांकि, समय के साथ वैज्ञानिक समुदाय ने इसे खारिज कर दिया क्योंकि यह गति के संरक्षण के नियमों के खिलाफ था। 2021 में किए गए अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि EmDrive के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था।

लेकिन अब, चार्ल्स बूहलर, एक पूर्व NASA इंजीनियर और Exodus Propulsion Technologies के सह-संस्थापक, एक नई तकनीक के साथ सामने आए हैं जो इलेक्ट्रोस्टैटिक फोर्स पर आधारित है। वे इसे “New Force” कहते हैं — एक ऐसी ताकत जो इलेक्ट्रिक फील्ड्स की असममिति से उत्पन्न होती है और वस्तु को बिना ईंधन के गति दे सकती है।

क्या यह वास्तव में काम करता है?

बूहलर और उनकी टीम ने इस तकनीक का प्रदर्शन Alternative Propulsion Energy Conference (APEC) में किया। उन्होंने बताया कि 2023 तक उनके इंजन ने धरती के गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ पर्याप्त थ्रस्ट उत्पन्न किया — और यह सब बिना किसी पदार्थ को बाहर निकाले।

इंजन के वर्तमान प्रोटोटाइप का वजन मात्र 30 से 40 ग्राम है, जिससे ये संकेत मिलता है कि इसे भविष्य में बड़े स्तर पर लागू किया जा सकता है। यदि यह तकनीक वैज्ञानिक परीक्षणों में सफल रहती है, तो यह अंतरिक्ष यात्रा को सस्ता, टिकाऊ और पर्यावरण के लिए अनुकूल बना सकती है।

भविष्य के लिए संभावनाएं और चुनौतियाँ

हालांकि शुरुआती परिणाम उत्साहजनक हैं, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय अभी भी सतर्क है। EmDrive जैसी विफलताओं के कारण अब हर ऐसी खोज पर गहन परीक्षण और निष्पक्ष मूल्यांकन की आवश्यकता है।

चार्ल्स बूहलर का मानना है कि, “प्रकृति अपने नियमों से चलती है — हमें बस उन्हें समझना है।” वे चाहते हैं कि इस तकनीक का परीक्षण अंतरिक्ष में भी किया जाए ताकि इसकी पूरी क्षमता सामने आ सके।

क्या यह तकनीक अंतरिक्ष यात्रा को क्रांतिकारी दिशा दे सकती है? या फिर यह भी एक और विज्ञान से परे दावा साबित होगा? फिलहाल वैज्ञानिक समुदाय इस पर निगरानी रखे हुए है। लेकिन यदि यह सफल होता है, तो यह अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता है।

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