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पृथ्वी के अंदर की गहराई का रहस्य | क्या हम कभी धरती के केंद्र तक पहुँच पाएंगे?

 क्या आपने कभी सोचा है कि हमारी पृथ्वी के अंदर क्या छिपा हो सकता है? शायद पिघला हुआ लावा, चमकते हुए क्रिस्टल, या फिर कुछ ऐसा जो अब तक किसी ने नहीं देखा! वैज्ञानिक भी इस सवाल का जवाब ढूंढने में लगे हैं, और हाल ही में उन्हें एक चौंकाने वाली नई परत का पता चला है।

भूकंप और धरती की गहराई की जाँच

वैज्ञानिकों को पृथ्वी के अंदर झाँकने का सबसे अच्छा तरीका भूकंप की तरंगों (सिस्मिक वेव्स) को समझना लगता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भूकंप को मापने वाला पहला यंत्र 132 ईस्वी में चीन में बना था? इसे “ड्रैगन जार” कहा जाता था। जब भूकंप आता, तो इस जार के अंदर लगी गेंद एक मेंढक के मुँह में गिर जाती और लोगों को भूकंप का पता चल जाता।

अब तो हमारे पास आधुनिक सिस्मोग्राफ हैं, जिनसे हमें पता चला कि पृथ्वी के अंदर की बनावट पहले के सोचे गए चार नहीं, बल्कि पाँच परतों में बँटी हो सकती है!

पृथ्वी की पारंपरिक चार परतें

हम जानते थे कि पृथ्वी की संरचना कुछ इस तरह है:

  1. क्रस्ट (Crust) – हमारी पृथ्वी की सबसे बाहरी और ठोस परत। यही परत हमारे घरों, पहाड़ों और समुद्रों का आधार है।
  2. मेंटल (Mantle) – यह परत क्रस्ट के नीचे होती है और गरम पिघले हुए चट्टानों (मैग्मा) से बनी होती है।
  3. आउटर कोर (Outer Core) – यह परत लिक्विड आयरन और निकल से बनी होती है।
  4. इनर कोर (Inner Core) – यहाँ पर दबाव इतना अधिक होता है कि आयरन और निकल सॉलिड रूप में होते हैं।

लेकिन अब वैज्ञानिकों ने खोजा है कि इनर कोर के अंदर भी एक और छिपी हुई परत है!

इनर मोस्ट इनर कोर: पृथ्वी की सबसे गहरी परत

भूकंप से बनने वाली P-Waves और S-Waves हमें पृथ्वी की अंदरूनी परतों की जानकारी देती हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि जब ये तरंगें इनर कोर से गुजरती हैं, तो उनकी गति में अजीब बदलाव होते हैं। इसका मतलब है कि वहाँ कुछ अलग है! उन्होंने इसे “इनर मोस्ट इनर कोर” नाम दिया।

इस नई परत की खास बातें

  • यह परत लगभग 650 किलोमीटर गहरी है।
  • यहाँ आयरन एक अलग तरह के क्रिस्टल संरचना में हो सकता है।
  • यहाँ भूकंप की तरंगें कई बार टकराकर वापस जाती हैं, जिससे वैज्ञानिकों को इसके अस्तित्व का पता चला।

क्या यह खोज पक्की है?

हालांकि यह खोज बेहद रोमांचक है, लेकिन सभी वैज्ञानिक इससे सहमत नहीं हैं। कुछ का मानना है कि इतनी ज्यादा गर्मी और दबाव में आयरन का क्रिस्टल स्ट्रक्चर स्थिर नहीं रह सकता। लेकिन यह खोज हमें हमारी पृथ्वी को और बेहतर समझने की दिशा में आगे ले जा रही है।

पृथ्वी के अंदर जाने की कोशिशें

वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के अंदर जाने के लिए कई कोशिशें की हैं:

  • पोनेंग गोल्ड माइन (दक्षिण अफ्रीका) – यह सबसे गहरी सोने की खदान है, जो 4 किलोमीटर गहरी है। यहाँ का तापमान 60°C तक पहुँच जाता है!
  • कोला सुपरडीप बोरहोल (रूस) – यह अब तक की सबसे गहरी खुदाई थी, जो 12 किलोमीटर तक गई। लेकिन यहाँ इतनी गर्मी और दबाव था कि खुदाई रोकनी पड़ी।

वैज्ञानिकों को यकीन है कि पृथ्वी के अंदर अभी और भी बहुत कुछ छिपा है। क्या आपको लगता है कि हम कभी पृथ्वी के केंद्र तक पहुँच पाएँगे? अगर हाँ, तो वहाँ जाकर आपको क्या देखने की उम्मीद है?

आपके विचार हमें जरूर बताइए!

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