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अब OER नहीं बनेगा रोड़ा – हाइड्रोजन उत्पादन में आएगा जबरदस्त उछाल

जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जीवाश्म ईंधनों पर बढ़ती निर्भरता ने पूरी दुनिया को वैकल्पिक और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर देखने पर मजबूर कर दिया है। इस दिशा में ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य की ऊर्जा के रूप में एक बेहद सशक्त और टिकाऊ विकल्प माना जा रहा है।

ग्रीन हाइड्रोजन जल (पानी) के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा प्राप्त किया जाता है, जिसमें किसी भी प्रकार के कार्बन उत्सर्जन के बिना हाइड्रोजन प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे कहा जाता है — Anion Exchange Membrane Water Electrolyzers (AEMWEs)

लेकिन एक वैज्ञानिक चुनौती अभी भी इस तकनीक के बड़े पैमाने पर उपयोग के रास्ते में खड़ी है — और वह है: ऑक्सीजन इवोल्यूशन रिएक्शन (OER) की जटिलता


OER: ग्रीन हाइड्रोजन तकनीक की सबसे बड़ी रुकावट

AEMWE तकनीक के एनोड साइड पर होने वाला ऑक्सीजन इवोल्यूशन रिएक्शन (OER) काफी धीमी और ऊर्जा-गहन प्रक्रिया है। इसे तेज़ और प्रभावी बनाने के लिए आमतौर पर महंगे और दुर्लभ noble metals जैसे कि इरिडियम और रुथेनियम का प्रयोग किया जाता है। लेकिन यही इसकी लागत को बहुत अधिक बना देता है, जिससे यह तकनीक बड़े स्तर पर लागू नहीं हो पाती।


NiFe मिश्रित ऑक्साइड्स :

Industrial Chemistry & Materials नामक शोध पत्रिका में मार्च 2025 में प्रकाशित एक महत्वपूर्ण शोध में वैज्ञानिकों ने इस समस्या का एक किफायती, सुलभ और प्रभावी समाधान प्रस्तुत किया है।

एक बहुविषयक शोध दल ने Sol-Gel विधि द्वारा विभिन्न Ni (निकल) और Fe (लोहा) अनुपातों में amorphous NiFe mixed oxides का निर्माण किया, जो OER के लिए बेहतरीन उत्प्रेरक सिद्ध हुए। यह नई सामग्री:

  • सस्ती है

  • पर्यावरण के अनुकूल है

  • और लंबे समय तक स्थिर प्रदर्शन देती है


शोध की प्रमुख बातें

  • शोधकर्ता संस्थान:
    University of Milano-Bicocca,
    CNR-ITAE (Messina),
    CNR-ICCOM (Florence),
    ENEA Casaccia (Rome)

  • नेतृत्व: प्रो. कार्लो सैंटोरो और प्रो. रॉबर्टो निस्तिको

  • मुख्य सामग्री: Amorphous NiFe मिक्स्ड ऑक्साइड्स — जिनमें Ni और Fe के अनुपात को वैज्ञानिक तरीके से बदला गया


प्रदर्शन और परिणाम:

इस शोध में विभिन्न रूपों में तैयार किए गए उत्प्रेरकों को Rotating Ring Electrode (RRE) तकनीक से जांचा गया। सबसे बेहतरीन परिणाम Ni:Fe = 0.75:0.25 अनुपात वाले उत्प्रेरक से प्राप्त हुए:

  • केवल 291 mV का ओवरपोटेंशियल (बहुत कम ऊर्जा हानि)

  • 80°C पर 100 घंटे तक उत्कृष्ट और स्थिर प्रदर्शन

  • उच्च मात्रा में सक्रिय अवस्था Ni³⁺ (NiOOH) की उपस्थिति, जो OER के लिए अत्यंत लाभकारी है

  • amorphous संरचना से मिली अतिरिक्त शक्ति और लचीलापन

वैज्ञानिक अब इस प्रारंभिक सफलता के आधार पर उत्प्रेरकों की सतही रसायन, संरचना और रूपरेखा को और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इससे:

  • OER की दक्षता और बढ़ेगी

  • ऊर्जा हानि और घटेगी

  • और उत्पादन लागत में भी कमी आएगी

इन सुधारों के बाद यह तकनीक औद्योगिक स्तर पर ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को सस्ता, तेज़ और अधिक व्यवहारिक बना सकती है।

यह शोध न केवल एक वैज्ञानिक सफलता है, बल्कि यह उस हरित भविष्य की आधारशिला भी है, जिसकी हमें आज सबसे ज्यादा ज़रूरत है। यदि NiFe मिश्रित ऑक्साइड्स जैसे सस्ते और कुशल उत्प्रेरकों को बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है, तो हम ग्रीन हाइड्रोजन को आम जन तक पहुंचा सकते हैं — और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को खत्म करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठा सकते हैं।

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