नासा, जिसने जेम्स वेब टेलीस्कोप जैसी अद्भुत खोजें कीं और चंद्रमा पर पहला कदम रखा, आज भी एक आधुनिक स्पेस सूट बनाने में असफल रहा है। हैरानी की बात है कि 1960 के दशक में अंडरगारमेंट्स बनाने वाली कंपनी ILC Dover ने केवल 6 वर्षों में पहला स्पेस सूट तैयार कर लिया था।
आज भी नासा के अंतरिक्ष यात्री 1974 के युग के स्पेस सूट्स का उपयोग कर रहे हैं। उन 18 सूट्स में से केवल 4 ही “फ्लाइट–रेडी” स्थिति में बचे हैं, और शेष सूट बार–बार रिपेयर हो रहे हैं।
स्पेस सूट्स की समस्या और अंतरिक्ष में जोखिम
स्पेस सूट्स में आने वाली समस्याओं के चलते कई बार अंतरिक्ष यात्रियों की जान पर बन आई है।
- 2000 का हादसा: कार्लोस नोरी के हेलमेट में पानी घुस गया, जिससे वे लगभग दम घुटने की स्थिति में आ गए।
- 2013 का हादसा: यूरोपियन स्पेस एजेंसी के लूका पर्मिटानो के हेलमेट में 1.5 लीटर पानी भर गया, जिससे वे स्पेस वॉक के दौरान डूबते–डूबते बचे।
- 2019 की घटना: नासा का ऑल–फीमेल स्पेस वॉक एक मीडियम–साइज सूट की कमी के कारण स्थगित करना पड़ा।
स्पेस सूट डिज़ाइन्स: चुनौतियां और बदलाव
अलग–अलग मिशनों के लिए सूट्स के डिज़ाइन और जरूरतें बदलती हैं।
- अपोलो मिशन सूट्स: हल्के और लचीले थे, चंद्रमा की शार्प डस्ट से बचाने के लिए डिज़ाइन किए गए।
- ईएमयू (Extravehicular Mobility Unit): अंतरिक्ष में वॉक के दौरान पहनने वाले सूट्स, जिनका वजन 131 किलोग्राम तक होता है।
हालांकि, नए सूट्स के विकास में नासा ने $200 मिलियन का निवेश किया और दो प्रोटोटाइप (xEMU और ओरियन सर्वाइवल सिस्टम्स) पेश किए। लेकिन, आज भी ये प्रोजेक्ट पूर्ण रूप से तैयार नहीं हैं।
स्पेस सूट्स में सुधार की आवश्यकता
स्पेस सूट्स न केवल वैज्ञानिक सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी।
- नई तकनीक: सूट्स में ऑब्जॉर्बेंट पैड्स और बेहतर कूलिंग सिस्टम की आवश्यकता है।
- फंडिंग और प्राथमिकता: नासा को स्थिर फंडिंग के बावजूद इस क्षेत्र में तेजी लानी चाहिए।
अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और नई तकनीक के लिए नासा को अपनी प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करना होगा। यदि जल्द सुधार नहीं किए गए, तो अंतरिक्ष अन्वेषण के खतरों में वृद्धि हो सकती है।