An illustrative image of Mosura fentoni
वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक अनोखा समुद्री जीव खोजा है, जिसका नाम मोसुरा फेंटोनी (Mosura fentoni) रखा गया है। यह जीव आज से लगभग 506 मिलियन वर्ष पहले पृथ्वी के प्राचीन समुद्रों में तैरता था। इसकी सबसे खास बात है — तीन आंखें, तेज़ पंजे, और एक अद्भुत “पेंसिल शार्पनर” जैसा मुंह।
इस खोज को 13 मई, 2025 को Royal Society Open Science नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
कौन था मोसुरा फेंटोनी?
मोसुरा फेंटोनी एक रेडियोडोंट (Radiodont) था — यह एक प्राचीन समुद्री जीवों का समूह है, जो आज के कीटों, मकड़ियों और केकड़ों से संबंधित है। यह जीव मानव उंगली के आकार का था और इसे “सी मॉथ” (समुद्री पतंगा) का उपनाम दिया गया क्योंकि इसके तैरने का तरीका पतंगे या रे फिश की तरह था।
मुख्य विशेषताएँ:
तीन आंखें — दो सामान्य और एक बड़ी मध्य आंख।
जोड़दार पंजे — जो आज के कीटों या केकड़ों की तरह दिखते हैं।
तैरने के लिए फ्लैप्स — पतंगे जैसे पंखों की तरह जो पानी के भीतर लहराते हुए गति प्रदान करते थे।
पेंसिल शार्पनर जैसा मुंह — अंदर की ओर तीखी प्लेटों से घिरा हुआ जो शिकार को कुचलने में मदद करता था।
16 खंडों वाला श्वसन अंग — जिसमें गलफड़े (gills) होते थे, जिससे वह अधिक कुशलता से सांस ले सकता था।
शिकार और जीवनशैली
मोसुरा फेंटोनी का जीवनशैली एक शिकारी की तरह रही होगी। यह छोटे कीड़ों, कीड़ों जैसे जीवों और क्रस्टेशियंस (जैसे झींगा) को पकड़कर खाता था। इसके पंजे दो शाखाओं में विभाजित थे, जो शिकार को पकड़ने और मुंह तक लाने के लिए अनुकूल थे।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी आंखें शिकार को ट्रैक करने में मदद करती थीं और इसकी अनोखी शरीर रचना इसे समुद्री जीवन में काफी कुशल बनाती थी।
आधुनिक जीवों से समानता
मोसुरा फेंटोनी के शरीर का कुछ हिस्सा आज के घोड़े की नाल जैसे केकड़े (horseshoe crab) और वुडलाइस (woodlouse) जैसे जीवों से मेल खाता है। इसका मतलब यह है कि इन प्राचीन जीवों ने लाखों साल पहले ही ऐसे गुण विकसित कर लिए थे, जो आज भी जीवों में मौजूद हैं।
समुद्र का जीवन 50 करोड़ साल पहले
इस जीव की खोज यह दर्शाती है कि नेओलिथिक युग से भी पहले, समुद्र में जीवन न केवल मौजूद था, बल्कि वह बहुत विविध और विकसित था। उस समय समुद्र में न केवल छोटे जीव, बल्कि बड़े शिकारी और जटिल पारिस्थितिकी तंत्र भी थे। मोसुरा जैसे जीव उस समय के समुद्री भोजन श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी रहे होंगे।
वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया
डॉ. जीन-बर्नार्ड कैरन (Jean-Bernard Caron) ने कहा:
“यह खोज दर्शाती है कि ये प्राचीन आर्थ्रोपोड पहले से ही विविधता से भरपूर थे और उन्होंने विकास के ऐसे तरीके अपनाए थे जो आज के उनके वंशजों में भी देखे जाते हैं।”
डॉ. जो मोयसिउक (Joe Moysiuk) ने कहा:
“मोसुरा के तैरने का तरीका स्टिंगरे की तरह था और इसका मुंह किसी भी जीव के जैसा नहीं था, जो आज हम देख पाते हैं। यह अनोखा और रहस्यमयी था।”