Home » क्या चाँद पर पानी बन सकता है? NASA ने खोजा सूरज और चंद्रमा की मिट्टी से पानी बनाने का तरीका

क्या चाँद पर पानी बन सकता है? NASA ने खोजा सूरज और चंद्रमा की मिट्टी से पानी बनाने का तरीका

  क्या चाँद पर पानी खुद सूरज की मदद से बन सकता है? 1960 के दशक से वैज्ञानिक इस सवाल पर विचार कर रहे थे। अब NASA के वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग के जरिए इस विचार को हकीकत में बदल दिया है।

NASA के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में यह पुष्टि हुई है कि सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा और चंद्रमा की सतह की मिट्टी के बीच रासायनिक क्रिया से पानी या पानी जैसे अणु बन सकते हैं। यह खोज JGR Planets नामक जर्नल में 17 मार्च को प्रकाशित की गई थी और यह Artemis मिशन के लिए भी काफी अहम मानी जा रही है।


कैसे बन सकता है चाँद पर पानी?

सूरज से लगातार निकलने वाली सौर हवा (Solar Wind) में मुख्य रूप से प्रोटॉन होते हैं – यानी ऐसे हाइड्रोजन कण जो अपनी इलेक्ट्रॉन खो चुके होते हैं। पृथ्वी की मजबूत चुंबकीय परत इन्हें रोक देती है, लेकिन चाँद पर ऐसी कोई सुरक्षा नहीं होती। जब ये प्रोटॉन चंद्रमा की सतह पर मौजूद रेगोलिथ (धूल और पत्थरों से बना मिश्रण) से टकराते हैं, तो वहां मौजूद इलेक्ट्रॉनों से मिलकर हाइड्रोजन परमाणु बनाते हैं।

फिर ये हाइड्रोजन परमाणु चाँद की मिट्टी में मौजूद सिलिका जैसे खनिजों में ऑक्सीजन से मिलकर हाइड्रॉक्सिल (OH) या पानी (H₂O) बना सकते हैं। वैज्ञानिकों को चंद्रमा की सतह पर इन अणुओं के मौजूद होने के प्रमाण भी मिले हैं – जो इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रम में 3 माइक्रोन के पास की ऊर्जा को अवशोषित करने से दिखाई देते हैं।


NASA का प्रयोग – Apollo मिशन की मिट्टी से पानी बनाने की कोशिश

video credit : www.science.nasa.gov
NASA की रिसर्चर ली ह्सिया यो (Li Hsia Yeo) और उनके सहयोगी जेसन मैकलेन ने इस विचार की पुष्टि करने के लिए एक विशेष प्रयोगशाला उपकरण बनाया। इस उपकरण में उन्होंने 1972 में Apollo 17 मिशन के दौरान लाई गई मिट्टी को बेहद सावधानी से ‘बेक’ किया और फिर उस पर नकली सौर हवा का प्रहार किया — जैसे कि वह चंद्रमा पर 80,000 वर्षों तक हुई हो।

इस प्रक्रिया के बाद स्पेक्ट्रोमीटर से जो रीडिंग मिली, उसने यह संकेत दिया कि मिट्टी में पानी या हाइड्रॉक्सिल अणु वास्तव में बन चुके हैं। ग्राफ की उस ‘वेव’ में जो 3 माइक्रोन के पास एक खास डिप था, वह पानी की मौजूदगी की पुष्टि करता है।

   NASA का लक्ष्य भविष्य में Artemis मिशन के तहत इंसानों को चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर भेजना है, जहाँ पर हमेशा छाया में रहने वाले क्षेत्रों में बर्फ के रूप में पानी जमा हो सकता है। ऐसे में अगर सौर हवा से पानी बनाने की यह प्रक्रिया चंद्रमा पर स्वाभाविक रूप से हो रही है, तो यह भविष्य के मिशनों के लिए संसाधन जुटाने का एक बड़ा जरिया हो सकता है।

ली ह्सिया यो ने कहा, “यह सोचना अद्भुत है कि सिर्फ चंद्र मिट्टी और सूरज से मिलने वाले हाइड्रोजन से पानी बनाया जा सकता है। यह खोज चंद्रमा पर जीवन के संकेत नहीं, लेकिन जीवन के लिए जरूरी तत्वों के स्रोत जरूर प्रदान कर सकती है।”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shares
Scroll to Top