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‘सिल्वर माउंटेन’ सैंपल और Serpentine मिनरल्स ने मंगल गृह पर दिया पानी के मौजूद होने के संकेत

कल्पना कीजिए कि आप करोड़ों साल पहले के एक ग्रह की सतह पर खड़े हैं, जहाँ पानी की झीलें थीं, ज्वालामुखी फूटते थे और शायद जीवन की संभावना भी रही हो। नासा के Perseverance रोवर ने ऐसा ही अद्भुत नज़ारा पेश किया है – और वो भी एकदम सटीक वैज्ञानिक सबूतों के साथ।

मंगल के अतीत की परतें खोलता Perseverance

Perseverance फिलहाल मंगल ग्रह के Jezero Crater के पश्चिमी किनारे पर ‘Witch Hazel Hill’ नाम की एक ऊँची ढलान का अध्ययन कर रहा है। यह इलाका वैज्ञानिकों के लिए किसी खजाने से कम नहीं क्योंकि यह स्थल अरबों साल पहले बने चट्टानों, उभरी परतों और जलवायु परिवर्तन के संकेतों से भरपूर है। नासा की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही के कुछ महीनों में रोवर ने पाँच सैंपल इकट्ठा किए, सात चट्टानों की गहराई से जांच की और 83 जगहों पर लेज़र से रिमोट एनालिसिस किया — यह डेटा कलेक्शन की अब तक की सबसे तेज़ गति है।

एक बेशकीमती खोज: सिल्वर माउंटेन सैंपल

Perseverance द्वारा लिया गया 26वां सैंपल ‘Silver Mountain’ नाम से पहचाना गया है, और इसे 3.9 अरब साल पुराने नोआकियन काल का बताया जा रहा है। यह वह समय था जब मंगल ग्रह पर भारी उल्कापात होता था, जिसने इसकी सतह को आज जैसा बनाया। इस सैंपल की बनावट अब तक देखी गई किसी भी चट्टान से बिलकुल अलग है — और यही इसे अनोखा बनाता है।

पानी और जीवन के संकेत

Perseverance ने एक और दिलचस्प खोज की है: एक ऐसी चट्टान जिसमें ‘serpentine’ मिनरल्स की भरमार है। यह मिनरल्स तब बनते हैं जब पानी कुछ विशेष ज्वालामुखीय चट्टानों के संपर्क में आता है। दिलचस्प बात यह है कि यही प्रक्रिया पृथ्वी पर हाइड्रोजन पैदा कर सकती है — और हाइड्रोजन जीवन की एक ज़रूरी ऊर्जा स्रोत मानी जाती है।

विज्ञान के लिए एक क्रांतिकारी कदम

Perseverance द्वारा एकत्र किए गए सैंपल्स को भविष्य में धरती पर लाकर उनका विश्लेषण करना वैज्ञानिकों के लिए एक सपने जैसा है। इससे यह तय किया जा सकेगा कि क्या मंगल पर कभी जीवन था? हालांकि NASA का Mars Sample Return मिशन अभी असमंजस में है। बढ़ती लागत (लगभग $11 बिलियन) और 2040 से पहले सैंपल वापसी की उम्मीद न होने के कारण, इस प्रोजेक्ट की रूपरेखा दोबारा बनाई जा रही है।

मानवता के लिए एक नई शुरुआत

NASA फिलहाल नए प्रस्तावों की समीक्षा कर रहा है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सैंपल्स को कम खर्च और कम समय में कैसे लाया जाए। यह निर्णय 2026 तक आएगा, लेकिन तब तक Perseverance अपने मिशन में जुटा हुआ है — लाल ग्रह के उस अतीत को उजागर करने में जो कभी नीला रहा होगा।

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