Home » जीवाश्म की संरचना कैसे हुई ?

जीवाश्म की संरचना कैसे हुई ?

कभी सोचा है कि करोड़ों साल पहले धरती पर रहे विशाल पेड़-पौधे और जानवर आज भी हमें कैसे दिखते हैं? चलिए जानते है, कैसे समय के साथ, ये पुराने जीव धीरे-धीरे मिट्टी और चट्टानों में बदल गए।

1. प्रारंभिक अवस्था: ऑक्सीजन का प्रभाव

करीब 350 मिलियन साल पहले धरती पर ऑक्सीजन की मात्रा तेजी से बढ़ी। इस ऑक्सीजन के कारण विशाल जंगल बनने लगे, जिनमें विशालकाय वृक्ष और पौधे भी शामिल थे। तब भूमि पर डीकंपोज़र्स की संख्या बहुत कम थी, जिसके चलते मरे हुए पेड़-पौधे बहुत धीमी गति से सड़ते थे और मिट्टी में दबते चले जाते थे।

2. समय के साथ दबना और संचित होना

धरती पर भारी मात्रा में वृक्ष और पौधे सूखकर जमीन के अंदर दबने लगे। समय के साथ, ये मृत पौधे और वृक्ष जमीन के नीचे और भी गहराई में चले गए। इन पर लगातार मिट्टी और तलछट की परतें चढ़ती रहीं, जिससे ये और भी अधिक ठोस हो गए।

3. मिनरल्स का प्रभाव

जमीन के अंदर दबे इन पौधों और वृक्षों के अंदर धीरे-धीरे पानी के जरिए खनिज भरने लगे, जो जीवों की खाली जगहों को भरकर पत्थर जैसे कठोर बनाते हैं। इस प्रक्रिया को पेरमिनरलाइजेशन कहा जाता है। यह प्रक्रिया जीवों की हड्डियों और पेड़ों के लकड़ी के तंतुओं को पत्थर जैसा रूप देती है, जिससे वे करोड़ों सालों तक सुरक्षित रहते हैं।

 4. जीवाश्म के विकास में खास बात

इन जीवाश्मों की एक अनोखी बात यह है कि इनमें वृक्षों की वार्षिक रिंग्स (वर्षिक छल्ले) नहीं पाई जातीं। ऐसा संभवतः उस समय के वातावरण में ऑक्सीजन की अधिक मात्रा और कम डीकंपोज़र के कारण होता था।

                  आज हम इन पुराने जीवाश्मों को उन जगहों पर पाते हैं जहां किसी समय पर भारी दबाव और तापमान ने इन्हें और भी कठोर बना दिया था। और लाखों साल बाद, धरती के भूगर्भीय परिवर्तन इन जीवाश्मों को धरती की सतह पर लाते हैं, जिससे हम इन पुराने रहस्यों को देख पाते हैं।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top