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IIT मद्रास के छात्रों ने बनाई भारत की पहली AI-संचालित सोलर रेस कार!

नई दिल्ली: आईआईटी मद्रास के छात्रों की एक टीम ने ‘आग्नेय’ नामक एक अत्याधुनिक सौर ऊर्जा से चलने वाली रेस कार विकसित की है, जो 2025 में आयोजित होने वाली ब्रिजस्टोन वर्ल्ड सोलर चैलेंज में भाग लेगी। यह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता ऑस्ट्रेलिया के खतरनाक आउटबैक में 3,000 किलोमीटर की दूरी तय करती है – डार्विन से एडिलेड तक, और यह 24 अगस्त से 31 अगस्त 2025 तक आयोजित की जाएगी।

टीम अग्निरथ की उपलब्धि

इस कार को टीम ‘अग्निरथ’ ने तैयार किया है, जो आईआईटी मद्रास के ‘सेंटर फॉर इनोवेशन’ (CFI) से जुड़ी 38 छात्रों की एक टीम है। इस टीम की शुरुआत 2021 में केवल 6 छात्रों के साथ हुई थी, लेकिन आज यह भारत की अग्रणी छात्र-नेतृत्व वाली इंजीनियरिंग टीमों में से एक बन चुकी है।

कार ‘आग्नेय’ का उद्घाटन आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कमकोटी ने किया। उन्होंने छात्रों की इस नवाचार पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी परियोजनाएं भारत में यूनिकॉर्न और सफल स्टार्टअप्स के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर हैं।

स्टार्टअप्स के लिए आईआईटी मद्रास का समर्थन

प्रो. कमकोटी ने बताया कि आईआईटी मद्रास ने एक मजबूत और संगठित प्रणाली बनाई है ताकि स्टार्टअप्स को समर्थन मिल सके और वे बड़े स्तर पर विकसित हो सकें। उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में संस्थान ने 100 से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया और 470 से अधिक पेटेंट फाइल किए।

उन्होंने गर्व के साथ साझा किया कि एक स्टार्टअप ने हाल ही में आईपीओ भी लॉन्च किया है, और कहा, “यदि आप आईआईटी मद्रास के किसी स्टार्टअप का हिस्सा हैं, तो आपको पूरा विश्वास होना चाहिए कि वह यूनिकॉर्न बनेगा।”

उन्नत तकनीक और नवाचार

आग्नेय कार में इस्तेमाल की गई तकनीक अत्याधुनिक है। इसका पूरी तरीके से  कार्बन फाइबर से बनाई गयी है, जो भारत की किसी भी छात्र टीम द्वारा तैयार किया गया सबसे बड़ा कार्बन फाइबर ढांचा है। इससे कार का वजन काफी हद तक कम हुआ है।

कार के सोलर पैनल की दक्षता 19% से बढ़ाकर 24% कर दी गई है, जबकि बैटरी का आकार छोटा करके प्रदर्शन को बरकरार रखा गया है।

सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कंट्रोल सिस्टम जोड़ा गया है। इसमें एक मशीन लर्निंग मॉड्यूल है जो मौसम, रास्ते की स्थिति और सौर ऊर्जा के आधार पर रेस के दौरान निर्णय लेता है। इसके साथ ही एक लाइव टेलीमेट्री सिस्टम भी है जो पिट क्रू को रीयल-टाइम अपडेट भेजता है।

मजबूत समर्थन और प्रायोजक

इस परियोजना को Game Change Solar, Billion Mobility, Charge Zone और COEZET जैसे कई बड़े प्रायोजकों से भरपूर समर्थन मिला। इससे छात्रों को उच्च गुणवत्ता की सामग्री और परीक्षण सुविधाओं तक पहुँच मिल सकी।

टीम अग्निरथ के बिज़नेस मॉड्यूल लीड और जैविक विज्ञान के तीसरे वर्ष के छात्र साईराम जे ने बताया, “ब्रिजस्टोन वर्ल्ड सोलर चैलेंज सिर्फ एक रेस नहीं, यह दुनिया की सबसे कठिन इंजीनियरिंग प्रतियोगिता है।”

उन्होंने आगे बताया कि दिन में तापमान 50°C से ऊपर और रात में 5°C से नीचे चला जाता है। इसके साथ ही 60 किमी/घंटा से अधिक की क्रॉसविंड कार की स्थिरता और एयरोडायनामिक प्रदर्शन के लिए एक बड़ी चुनौती होती है।

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