हम सभी गुरुत्वाकर्षण (gravity) को उस अदृश्य शक्ति के रूप में जानते हैं जो हमें ज़मीन से जोड़े रखती है। लेकिन क्या हो अगर यह शक्ति असल में कोई बल ही न हो? क्या यह सिर्फ एक फंक्शन है—एक कोड का हिस्सा? यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के भौतिक विज्ञानी मेल्विन वॉपसन (Melvin Vopson) के अनुसार, गुरुत्वाकर्षण शायद वह सबसे बड़ा संकेत है जो यह बताता है कि हम एक सिमुलेशन में जी रहे हैं।
गुरुत्वाकर्षण: एक कंप्यूटर एल्गोरिदम?
वॉपसन का कहना है कि पूरा ब्रह्मांड एक विशाल कंप्यूटर सिस्टम की तरह काम कर रहा है। उनके हालिया अध्ययन में यह प्रस्ताव रखा गया है कि गुरुत्वाकर्षण किसी भी चीज़ को खींच नहीं रहा, बल्कि यह जानकारी (information) को इस तरह से व्यवस्थित कर रहा है जिससे मैटर (पदार्थ) सबसे कुशल ढंग से व्यवस्थित रहे—ठीक वैसे जैसे डिजिटल सिस्टम डेटा को कंप्रेस करता है।
उनकी थ्योरी के मुताबिक, ब्रह्मांड पिक्सल जैसे छोटे-छोटे यूनिट्स से बना है—जो या तो “ऑन” होते हैं (अगर वहाँ मैटर मौजूद है) या “ऑफ” (अगर खाली हैं)। जब एक ही जगह कई कण मौजूद होते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण उन्हें एक ऑब्जेक्ट में समेकित (compress) कर देता है ताकि डेटा की जटिलता कम हो जाए। इस दृष्टिकोण में, गुरुत्वाकर्षण एक एल्गोरिदम बन जाता है—एक कॉस्मिक ZIP फाइल, जो स्पेस को अधिकतम दक्षता के लिए कंप्रेस करता है।
इन्फोडायनामिक्स का सिद्धांत
वॉपसन ने अपनी थ्योरी को “दूसरा इन्फोडायनामिक्स नियम (Second Law of Infodynamics)” कहा है—जो थर्मोडायनामिक्स के दूसरे नियम का एक नया संस्करण है।
जहाँ थर्मोडायनामिक्स कहता है कि एंट्रॉपी (entropy) हमेशा बढ़ती है, वॉपसन की इन्फोडायनामिक्स थ्योरी कहती है कि इन्फॉर्मेशन एंट्रॉपी घट भी सकती है। यह विचार परंपरागत भौतिकी से अलग है, और यह सिमुलेशन जैसी प्रणालियों के व्यवहार से ज़्यादा मेल खाता है।
क्या सूचना (information) भी द्रव्यमान रखती है?
वॉपसन पहले भी इस बात की वकालत कर चुके हैं कि सूचना का भी द्रव्यमान हो सकता है—यानी जानकारी कोई अमूर्त (abstract) चीज़ नहीं, बल्कि भौतिक संपत्ति है। उनके अनुसार, हर प्राथमिक कण (elementary particle) एक डेटा स्टोरेज यूनिट की तरह काम करता है, ठीक वैसे जैसे डीएनए जैविक जानकारी को संग्रहीत करता है।
यहां तक कि वॉपसन ने दावा किया है कि उन्होंने ब्रह्मांड के स्रोत कोड (source code) की पहचान की है।
क्या यह सिद्ध करता है कि हम एक सिमुलेशन में हैं?
नहीं। वॉपसन की थ्योरी यह सिद्ध नहीं करती कि हम सिमुलेशन में जी रहे हैं, लेकिन यह कई संकेत जरूर देती है। गुरुत्वाकर्षण आज भी भौतिकी की सबसे बड़ी पहेलियों में से एक है। हम इसे माप सकते हैं, मॉडल कर सकते हैं, लेकिन हम अब भी नहीं जानते कि यह वास्तव में काम कैसे करता है।
यदि हम इसे डेटा ऑप्टिमाइज़ेशन टूल के रूप में देखना शुरू करें—एक ऐसा तंत्र जो ब्रह्मांड में जानकारी को सबसे कुशल तरीके से व्यवस्थित करता है—तो शायद हम एक दिन गुरुत्वाकर्षण और अस्तित्व की गहराइयों तक पहुँच सकें।
और अगर सच में यह ब्रह्मांड किसी कोड पर चल रहा है, तो शायद गुरुत्वाकर्षण वह पहला संकेत है जिसे हम अब तक सिर्फ एक बल समझते आए हैं।