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तुर्की में मिला दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर? 12,000 साल पुरानी रहस्यमयी नक्काशियाँ

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि इंसान हजारों साल पहले ही खगोलशास्त्र और समय की गणना में निपुण हो चुके थे? तुर्की के एक रहस्यमय स्थल गोबेकली तेपे (Göbekli Tepe) में हुई नवीनतम खोज यही साबित करती है। यह स्थल अब दुनिया के सबसे पुराने कैलेंडर का संभावित प्रमाण बनकर उभरा है — जिसकी उम्र करीब 12,000 साल मानी जा रही है।


गोबेकली तेपे: सभ्यता से पहले की रहस्यमयी संरचना

गोबेकली तेपे, दक्षिणी तुर्की के शानलिउरफा (Şanlıurfa) शहर के पास स्थित है। यह स्थल विशाल T-आकार के पत्थरों और जटिल नक्काशियों के लिए प्रसिद्ध है। हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के शोधकर्ताओं ने यहां की नक्काशियों में कुछ विशेष चिन्हों का अध्ययन किया है, जो संभवतः सौर वर्ष (Solar Year) को दर्शाते हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार:

  • कुछ स्तंभों पर “V” आकार की 365 नक्काशियां पाई गई हैं, जो वर्ष के 365 दिनों को दर्शाती हैं।

  • एक खास “V” चिन्ह गर्मी के संक्रांति (Summer Solstice) को दर्शाता है, जिसे एक पक्षी जैसी आकृति की गर्दन पर उकेरा गया है।

यह खोज यह संकेत देती है कि 12,000 साल पहले के मानव खगोलीय घटनाओं को बड़ी सूक्ष्मता से देख और समझ रहे थे।


एक धूमकेतु ने बदला इतिहास?

शोधकर्ताओं का मानना है कि करीब 10,850 ईसा पूर्व, एक विशाल धूमकेतु (comet) के पृथ्वी से टकराने से जलवायु में भारी बदलाव हुआ। यह घटना संभवतः एक mini ice age का कारण बनी, जिसने न केवल मौसम बदल दिया, बल्कि धार्मिक विश्वासों, कृषि की शुरुआत और सामाजिक संरचनाओं को भी प्रभावित किया।

मार्टिन स्वेटमैन, जिन्होंने इस अध्ययन का नेतृत्व किया, कहते हैं:

“ऐसा लगता है कि गोबेकली तेपे के निवासी आकाश के गहरे पर्यवेक्षक थे — और यह आश्चर्यजनक नहीं है, जब उनके विश्व को एक धूमकेतु ने बदलकर रख दिया था।”


सौर और चंद्र चक्रों की गणना का प्रमाण

गोबेकली तेपे की नक्काशियां न केवल सौर वर्ष को दिखाती हैं, बल्कि चंद्र चक्रों और संभवतः तारों की चाल को भी दर्शाती हैं।
एक अन्य स्तंभ पर Taurid Meteor Stream को दर्शाया गया है, जिससे यह प्रतीत होता है कि वहां के लोग जानते थे कि पृथ्वी जब धूमकेतु के अवशेषों से गुजरती है, तब उल्कापात होता है।

यह जानकारी यूनानी खगोलशास्त्री हिप्पार्कस (150 BCE) की खोजों से भी हजारों साल पहले की है।


नवपाषाण क्रांति और समय की समझ का आरंभ

गोबेकली तेपे का निर्माण लगभग 9500 ईसा पूर्व में हुआ था। यह क्षेत्र Fertile Crescent में आता है, जिसे मानव सभ्यता की शुरुआत के लिए जाना जाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यहां धार्मिक आयोजनों, सामाजिक समागम और खगोलशास्त्रीय टिप्पणियों के लिए बड़े-बड़े मंडप बनाए गए थे।

शोध में यह भी कहा गया है कि यह स्थल लिखने की शुरुआत की ओर पहला कदम भी हो सकता है — क्योंकि जब लोग आकाश को व्यवस्थित रूप से समझने लगे, तब उन्होंने उसे चिन्हों के माध्यम से संजोना शुरू किया।

इस नई व्याख्या के अनुसार, मानव सभ्यता ने लिपि और कृषि से पहले ही समय और आकाश को गहराई से समझना शुरू कर दिया था। यह खोज हमारे इतिहास को फिर से लिखने के लिए प्रेरित कर रही है — क्योंकि यह दिखाता है कि हमारे पूर्वज खगोलविद्, कलाकार और विचारक थे।

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