क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे शरीर के अंदर, या किसी भी जीव के अंदर, जेनेटिक सामग्री (DNA और RNA) किस तरह फैली होती है? हम अब तक यह तो जान सकते थे कि किसी टिशू या ब्लड सैंपल में कौन-से जीन मौजूद हैं, लेकिन यह नहीं पता कर सकते थे कि वे जीन शरीर के अंदर कहां स्थित हैं और एक-दूसरे से कैसे जुड़े हुए हैं।
लेकिन अब, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो इस समस्या को हल कर सकती है। इसे कहते हैं वॉल्यूमेट्रिक डीएनए माइक्रोस्कोपी।
कैसे काम करती है यह अनोखी माइक्रोस्कोपी?
अगर आप सोच रहे हैं कि यह किसी आम माइक्रोस्कोप की तरह लेंस और लाइट से काम करता होगा, तो ऐसा नहीं है! यहां विज्ञान ने एक अलग रास्ता चुना है।
वैज्ञानिकों ने छोटे डीएनए टैग्स को कोशिकाओं (Cells) में जोड़ दिया। ये टैग्स डीएनए और आरएनए से चिपक जाते हैं और फिर खुद की कई कॉपियां बनाना शुरू कर देते हैं। फिर, जब ये टैग्स आपस में संपर्क करते हैं, तो यह एक खास तरह की नेटवर्किंग बनाते हैं, जिससे उनकी स्थानिक स्थिति (spatial location) का पता चलता है।
आप इसे ऐसे समझ सकते हैं— जैसे अगर आपके फोन में एक ऐसा सिस्टम हो जो आपके सभी दोस्तों के फोन से संपर्क करता रहे। आप सिर्फ यह नहीं जान पाएंगे कि वे कौन हैं, बल्कि यह भी समझ सकेंगे कि वे कहां खड़े हैं! ठीक इसी तरह, वैज्ञानिक डीएनए टैग्स के आपसी संपर्क के आधार पर पूरा 3D जेनेटिक नक्शा तैयार कर लेते हैं।
कैसा दिखेगा यह 3D नक्शा?

इस तकनीक को पहली बार एक ज़ीब्रा फिश एम्ब्रियो (Zebrafish Embryo) पर आज़माया गया। ज़ीब्रा फिश वैज्ञानिकों के लिए एक मॉडल ऑर्गेनिज्म की तरह होती है, जिससे वे जीवविज्ञान और न्यूरोसाइंस की गहरी समझ हासिल करते हैं।
वैज्ञानिक जोशुआ वेनस्टाइन के मुताबिक, “यह एक ऐसी झलक है जो पहले किसी ने नहीं देखी। यह तकनीक हमें प्रकृति को उसके असली रूप में, अंदर से देखने का मौका देती है। यह बेहद रोमांचक है!”
डीएनए माइक्रोस्कोपी से क्या होगा फायदा?
यह तकनीक कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है—
🔬 कैंसर रिसर्च: यह पता लगाया जा सकेगा कि ट्यूमर (Tumor) में कौन-कौन से जीन एक्टिव हैं और वे शरीर की बाकी कोशिकाओं से कैसे इंटरैक्ट कर रहे हैं। इससे कैंसर के लिए ज्यादा असरदार दवाइयां और इम्यूनोथेरेपी तैयार की जा सकती हैं।
🦠 इम्यून सिस्टम की स्टडी: शरीर की रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं (Immune Cells) किस तरह एक-दूसरे से संपर्क करती हैं, यह जानकर ज्यादा बेहतर वैक्सीन्स और ट्रीटमेंट बनाए जा सकते हैं।
🧬 जेनेटिक रिसर्च: डीएनए माइक्रोस्कोपी के ज़रिए वैज्ञानिक उन अनदेखी जैविक प्रक्रियाओं को समझ सकेंगे जो अभी तक रहस्यमयी बनी हुई हैं।
अब तक, वैज्ञानिकों के पास कोशिकाओं की बनावट और जीनोम (Genome) को अलग-अलग समझने के तरीके थे। लेकिन यह नई तकनीक दोनों को एक साथ जोड़कर एक पूरी तस्वीर पेश करती है।
जैसा कि वेनस्टाइन कहते हैं— “यह तकनीक वैज्ञानिकों के लिए एक नया खजाना साबित हो सकती है। हमें अब तक जेनेटिक्स की जो समझ थी, यह उससे कहीं आगे की चीज़ है!”
तो, हो सकता है कि आने वाले समय में हम डीएनए की मदद से ऐसी तस्वीरें देख रहे हों जो नंगी आंखों से कभी संभव ही नहीं थीं। विज्ञान का यह नया चमत्कार हमें इंसानी शरीर और बीमारियों को समझने के एक नए दौर में ले जा सकता है!