Home » डीएनए मिथाइलेशन से जुड़ा शोध: क्या हमारी यौन अभिरुचि की भविष्यवाणी की जा सकती है?

डीएनए मिथाइलेशन से जुड़ा शोध: क्या हमारी यौन अभिरुचि की भविष्यवाणी की जा सकती है?

  यौन आकर्षण मानव जीवन का एक अत्यंत मूलभूत पहलू है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से अभी भी इसके बारे में बहुत कुछ जानना बाकी है। इसी दिशा में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजेलेस (UCLA) के डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन में पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर डॉ. टक सी. न्गुन और उनकी टीम ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया है। इस शोध का उद्देश्य यह समझना था कि क्या यौन अभिरुचि (सेक्शुअल ओरिएंटेशन) को डीएनए के आणविक चिह्नों (molecular markers) के आधार पर भविष्यवाणी की जा सकती है।

अध्ययन की विशेषता: एक जैसी जेनेटिक संरचना, अलग यौन रुझान

इस शोध में वैज्ञानिकों ने 37 ऐसी जुड़वा भाइयों की जोड़ियों का विश्लेषण किया जिनमें से एक भाई समलैंगिक (homosexual) था और दूसरा विषमलैंगिक (heterosexual)। इसके अलावा 10 ऐसी जोड़ियों को भी शामिल किया गया जिसमें दोनों भाई समलैंगिक थे। चूंकि जुड़वां भाईयों की जेनेटिक संरचना समान होती है, इसलिए किसी अंतर को तलाशने के लिए डीएनए मिथाइलेशन (DNA methylation) पैटर्न का अध्ययन किया गया। मिथाइलेशन एक आणविक प्रक्रिया है जो यह निर्धारित करती है कि कौन-से जीन कितनी मात्रा में और कब सक्रिय होंगे।

डीएनए मिथाइलेशन पैटर्न की जटिलता के कारण, वैज्ञानिकों के पास 4 लाख से अधिक डेटा पॉइंट्स थे। इस डेटा को विश्लेषित करने के लिए डॉ. न्गुन और उनकी टीम ने ‘FuzzyForest’ नामक एक मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म विकसित किया। इस एल्गोरिद्म की मदद से टीम ने पूरे जीनोम में फैले हुए नौ छोटे क्षेत्रों की पहचान की, जिनके मिथाइलेशन पैटर्न के आधार पर 70% सटीकता के साथ किसी पुरुष की यौन अभिरुचि की भविष्यवाणी की जा सकती है।

अनुसंधान का महत्व

डॉ. न्गुन के अनुसार, “पहले के शोधों में कुछ बड़े क्रोमोसोमल क्षेत्रों को यौन रुझान से जोड़ा गया था, लेकिन हमारे अध्ययन ने इसे जीन स्तर पर, बारीकी से विश्लेषित किया है।” हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल प्रारंभिक शोध है और यह समझने के लिए आगे और अध्ययन की आवश्यकता है कि कैसे ये मिथाइलेशन पैटर्न वास्तव में यौन अभिरुचि को प्रभावित करते हैं।

सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

यह शोध न केवल जैविक और आनुवंशिक विज्ञान के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रस्तुत करता है, बल्कि यह सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। डॉ. न्गुन कहते हैं, “सेक्शुअल अट्रैक्शन हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, लेकिन हम इसके बारे में आणविक या जेनेटिक स्तर पर बहुत कम जानते हैं। मेरी आशा है कि यह रिसर्च हमें खुद को बेहतर समझने में मदद करेगी — यह कि हम जैसे हैं, वैसे क्यों हैं।”

  हालांकि यह अध्ययन अभी अपनी शुरुआती अवस्था में है और इसकी पुष्टि के लिए बड़े स्तर पर शोध की आवश्यकता है, फिर भी यह दर्शाता है कि आधुनिक मशीन लर्निंग तकनीकों और आणविक विश्लेषण के माध्यम से हम जटिल मानवीय व्यवहारों की वैज्ञानिक व्याख्या कर सकते हैं। भविष्य में यह शोध यौन अभिरुचि जैसे संवेदनशील मुद्दों को लेकर अधिक वैज्ञानिक और संवेदनशील संवाद की दिशा में सहायक बन सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shares
Scroll to Top