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दक्षिण अफ्रीका की ऑर्का व्हेल्स जो खा जाती है शार्क के लीवर

दक्षिण अफ्रीका के तट पर दो ऑर्का व्हेल्स (Orcinus orca) ने ग्रेट व्हाइट शार्क (Carcharodon carcharias) का शिकार करके वैज्ञानिकों का ध्यान खींचा है। इन ऑर्का व्हेल्स को “पोर्ट” और “स्टारबोर्ड” नाम दिया गया है, जो पिछले कई सालों से शार्क का शिकार कर रही हैं। ये व्हेल्स शार्क के पेट से उनका लिवर (यकृत) निकालकर खा जाती हैं, जिससे इस इलाके में शार्क की संख्या तेजी से घट रही है।

शार्क की गायब होती आबादी का पारिस्थितिकी तंत्र पर असर

वैज्ञानिकों ने देखा है कि फॉल्स बे (दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप के पास) से ग्रेट व्हाइट शार्क पूरी तरह गायब हो चुकी हैं। चूंकि शार्क समुद्री खाद्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, उनके गायब होने से पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हुआ है।

केप फर सील (Cape Fur Seals) की संख्या बढ़ गई है, क्योंकि अब शार्क उनका शिकार नहीं कर पाती।
सेवनगिल शार्क (Sevengill Sharks) भी अधिक दिखाई देने लगी हैं, जो ग्रेट व्हाइट शार्क के प्रतिद्वंद्वी भी हैं।  चूंकि सील और सेवनगिल शार्क की संख्या बढ़ी है, उनके द्वारा खाए जाने वाले छोटी मछलियों और अन्य समुद्री जीवों की संख्या घट गई है।

समुद्री वैज्ञानिक नील हैमरश्लैग के अनुसार, “जब किसी पारिस्थितिकी तंत्र से शीर्ष शिकारी (apex predator) गायब हो जाता है, तो इसका असर पूरी खाद्य श्रृंखला पर पड़ता है।”

क्या ऑर्का व्हेल्स ही हैं शार्क की कमी का कारण?

वैज्ञानिकों ने सील आइलैंड पर वर्ष 2000 से 2018 तक ग्रेट व्हाइट शार्क की संख्या का अध्ययन किया। 2015 तक शार्क की संख्या स्थिर थी, लेकिन उसके बाद अचानक उनकी संख्या घटने लगी। 2018 तक फॉल्स बे से शार्क पूरी तरह गायब हो गईं।

इसकी एक बड़ी वजह पोर्ट और स्टारबोर्ड ऑर्का व्हेल्स हो सकती हैं, क्योंकि 2015 से ही दक्षिण अफ्रीका के तट पर लिवर निकाले हुए शार्क के शव मिलने लगे थे। हालांकि, यह भी संभव है कि अत्यधिक मछली पकड़ना, प्रदूषण और शार्क शिकार जैसे मानवीय कारण भी इसके लिए जिम्मेदार हों।

क्या पारिस्थितिकी तंत्र फिर से संतुलित हो पाएगा?

प्रकृति में ऐसे बदलाव नए नहीं हैं। लाखों साल पहले डायनासोर के विलुप्त होने के बाद भी पारिस्थितिकी तंत्र ने नया संतुलन बना लिया था। लेकिन, **मनुष्यों की गतिविधियों** के कारण हो रहे बदलावों को समझना जरूरी है, ताकि हम संवेदनशील प्रजातियों और उनके आवासों की रक्षा कर सकें।

वैज्ञानिकों का मानना है कि फॉल्स बे में अभी भी और शोध की आवश्यकता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि:
– क्या शार्क की गिरावट का असर अन्य समुद्री प्रजातियों पर पड़ेगा?
– क्या यह बदलाव स्थायी होगा या प्रकृति फिर से संतुलन बना लेगी?

   ऑर्का व्हेल्स द्वारा शार्क का शिकार एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। यह हमें याद दिलाता है कि प्रकृति में हर जीव का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है, और अगर कोई एक प्रजाति गायब हो जाए, तो पूरा तंत्र असंतुलित हो सकता है।

 

 

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