भारतीय वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जिसमें उन्होंने metallo-nanozymes (मेटालो-नैनोज़ाइम्स) की एक नई और बेहतरीन विशेषता खोजी है। ये कृत्रिम एंज़ाइम्स प्राकृतिक एंज़ाइम्स की तरह काम करते हैं जो मेटल आयन की मदद से इलेक्ट्रॉन ट्रांसफर (electron transfer) को कंट्रोल करते हैं — और यही प्रक्रिया सेलुलर एनर्जी को नियंत्रित करने में बेहद अहम होती है।
क्या हैं Metallo-Nanozymes?
Nanozymes वो नैनो-स्ट्रक्चर्स होते हैं जो एंज़ाइम्स की तरह व्यवहार करते हैं। खास बात यह है कि metallo-nanozymes उन एंज़ाइम्स की नकल करते हैं जो मेटल आयन्स की मदद से अपने काम करते हैं। लेकिन आज के नैनोज़ाइम्स में एक बड़ी समस्या ये है कि इनमें active sites (जहाँ रिएक्शन होता है) सही से परिभाषित नहीं होते। इससे electron transfer अनियंत्रित हो सकता है, जिससे हानिकारक reactive oxygen species (ROS) बनते हैं जो सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं और ATP (सेल एनर्जी) बनने की प्रक्रिया को बिगाड़ सकते हैं।
Cu-Phen :
भारतीय वैज्ञानिकों ने इस समस्या से निपटने के लिए एक नवीन संरचना तैयार की है जिसका नाम है Cu-Phen। यह कॉपर आयन (Cu²⁺) और एक एमिनो एसिड phenylalanine से मिलकर बना है। इसका नैनो-स्ट्रक्चर ऐसा डिज़ाइन किया गया है कि इसका active site पूरी तरह से नियंत्रित और स्पष्ट रूप से परिभाषित है।
कैसे काम करता है Cu-Phen?
Cu-Phen, सेल में मौजूद एक ज़रूरी प्रोटीन cytochrome c से इंटरैक्ट करता है जो इलेक्ट्रॉन ट्रांसपोर्ट चैन (electron transport chain) में एक अहम भूमिका निभाता है। ये इंटरैक्शन बिल्कुल उसी तरह होता है जैसे नेचुरल सिस्टम में होता है — एक receptor-ligand की तरह। Cu-Phen, cytochrome c से hydrophobic interaction के ज़रिए जुड़ता है और फिर proton-coupled electron transfer करके Cu²⁺ सेंटर तक इलेक्ट्रॉन पहुंचाता है।
इस प्रक्रिया की सबसे खास बात ये है कि यह ऑक्सीजन को वॉटर में बदल देती है, बिना किसी हानिकारक बाई-प्रोडक्ट (जैसे ROS) के, जिससे सेल्स को नुकसान नहीं होता।
क्यों है यह खोज महत्वपूर्ण?
यह खोज सिर्फ मेडिकल साइंस के लिए ही नहीं, बल्कि सस्टेनेबल एनर्जी, बायोटेक्नोलॉजी और इंवायरनमेंटल सॉल्यूशंस के लिए भी एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है। यह स्टडी हाल ही में Journal of Materials Chemistry A में प्रकाशित हुई है, और इसमें बताया गया है कि Cu-Phen कैसे electron flow को कंट्रोल करने में सक्षम है — जो इसे बाकी नैनोज़ाइम्स से बिल्कुल अलग बनाता है।
भविष्य की संभावनाएँ
अब वैज्ञानिक nanozyme engineering को और एक कदम आगे ले जाने की तैयारी में हैं, जहाँ active site का डिजाइन और इलेक्ट्रॉन फ्लो का नियंत्रण और भी ज्यादा सटीक होगा। यह न केवल हेल्थकेयर इनोवेशन को आगे बढ़ाएगा, बल्कि बायो-इंस्पायर्ड एनर्जी प्रोडक्शन के नए रास्ते भी खोलेगा।