हमारे शरीर की हर कोशिका एक समय के बाद “सेल्फ-डेस्ट्रक्ट मोड” यानी आत्महत्या जैसी प्रक्रिया शुरू करती है। इसे वैज्ञानिक भाषा में Apoptosis कहा जाता है।
यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिससे शरीर पुरानी और खराब कोशिकाओं से छुटकारा पाता है।
इस प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं कुछ ख़ास प्रोटीन – जिनमें से कुछ कोशिका को बचाते हैं और कुछ उसे मरने के संकेत देते हैं।
BAX – वो प्रोटीन जो कोशिका को खत्म कर देता है
BAX नाम का एक प्रोटीन कोशिकाओं की मौत का बड़ा कारण होता है। यह माइटोकॉन्ड्रिया (कोशिका का ऊर्जा केंद्र) पर हमला करता है और कोशिका को अंदर से खत्म कर देता है।
अब तक वैज्ञानिक इस प्रक्रिया का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए करते आए हैं। लेकिन अब उन्होंने इसका उल्टा किया है — यानी कोशिकाओं को मरने से बचाने का तरीका खोज लिया है।
वैज्ञानिकों की खोज: WEHI-3773
ऑस्ट्रेलिया के Walter and Eliza Hall Institute के वैज्ञानिकों ने एक छोटे अणु (Small Molecule) की पहचान की है, जिसे उन्होंने नाम दिया है WEHI-3773।
यह अणु सीधे BAX प्रोटीन को निशाना बनाता है और उसे माइटोकॉन्ड्रिया से दूर रखता है।
इससे कोशिका की मौत टल जाती है और वह जिंदा रहती है।
“हम पहली बार किसी कोशिका को मरने से रोक सके हैं। और वो भी सिर्फ BAX को टारगेट करके।”
— Kaiming Li, प्रमुख शोधकर्ता
पार्किंसन रोग के इलाज में क्रांति
पार्किंसन जैसी बीमारियों में मस्तिष्क की कोशिकाएं धीरे-धीरे खत्म होती जाती हैं।
अब तक कोई भी दवा इन कोशिकाओं को मरने से नहीं रोक सकी है।
लेकिन अगर हम BAX को बंद कर दें — जैसा कि WEHI-3773 कर रहा है — तो न्यूरॉन्स को मरने से बचाया जा सकता है, और इससे बीमारी की गति धीमी की जा सकती है।
“अगर हम मस्तिष्क की कोशिकाओं को जिंदा रख पाए, तो यह इलाज की दिशा में एक गेम-चेंजर होगा।”
— प्रो. ग्रांट ड्यूसन
क्या होते हैं Small Molecules?
Small Molecules छोटे जैविक अणु होते हैं जो आसानी से कोशिका के अंदर जा सकते हैं और जरूरी प्रोटीन के साथ क्रिया कर सकते हैं।
यही वजह है कि दवाओं में इनका उपयोग बहुत आम है।
WEHI-3773 अभी शुरुआती परीक्षणों में है, लेकिन इसके नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं।
अगर आगे के शोध में यह सफल रहा, तो यह दवा:
पार्किंसन,
अल्जाइमर,
और अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के लिए उपचार का आधार बन सकती है।