बीटलजूस, हमारे आकाश का दसवां सबसे चमकदार सितारा, ओरायन नक्षत्र में स्थित है। यह सिर्फ एक तारा नहीं है; यह एक रेड सुपरजायंट है, जो अपनी जिंदगी के आखिरी दौर में है। 2019 में इसके चमकने और मंद होने के रहस्यमय बदलावों ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया।
वैज्ञानिक इमेज के अनुसार, बीटलजूस “डिम–ब्राइट” पैटर्न में फ़्लैश कर रहा है। यह संकेत है कि यह तारा जल्द ही “सुपरनोवा” में बदल सकता है—यानी, एक ऐसा जबरदस्त विस्फोट जो रात के आसमान में दिन जैसा उजाला कर सकता है।
क्या होगा अगर बीटलजूस फट जाए?
अगर बीटलजूस फटता है, तो यह इतनी रोशनी छोड़ेगा कि आसमान में दो सूरज जैसी चमक होगी। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है! बीटलजूस हमसे 500 प्रकाशवर्ष दूर है। इसका मतलब है कि अगर यह कल फटता भी है, तो इसकी रोशनी हम तक 500 साल बाद पहुंचेगी।
हालांकि, वैज्ञानिक मानते हैं कि इसकी ऊर्जा इतनी कमजोर हो जाएगी कि यह पृथ्वी पर कोई बड़ी आपदा नहीं लाएगी।
बीटलजूस के अतीत की कहानियां
खगोल विज्ञान के प्राचीन दस्तावेज़ बताते हैं कि 2000 साल पहले चीनी और रोमन खगोलविदों ने इसे सफेद–नीले रंग में चमकते हुए देखा था। लेकिन आज यह नारंगी–लाल दिखाई देता है। इसका मतलब है कि यह लगातार बदल रहा है और अपनी आखिरी सांसें ले रहा है।
बीटलजूस और ब्लैक होल का रहस्य
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके पास एक अदृश्य ब्लैक होल हो सकता है, जो इसकी ऊर्जा को प्रभावित कर रहा है। साथ ही, इसकी तेज़ घूर्णन गति इसे एक “ग्रेविटेशनल डार्कनिंग” की स्थिति में डाल रही है, जिससे इसके equater पर गैस ठंडी हो रही है और यह हमें मंद दिखाई देता है।
फिलहाल, वैज्ञानिकों के अनुसार, बीटलजूस का सुपरनोवा बनने में 1 लाख साल का समय लग सकता है। लेकिन अगर यह जल्दी भी फटता है, तो यह पृथ्वी के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं होगा।
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