दुनिया के सबसे बड़े ऑइल प्लेटफॉर्म, एप रोमेट्रिक्स, को दक्षिण कोरिया में तैयार किया गया। इसका आकार इतना बड़ा है कि इसे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो सकते हैं—यह दो फुटबॉल मैदान जितना लंबा और एयरक्राफ्ट कैरियर से भी भारी है!
लेकिन इसे गल्फ ऑफ मैक्सिको तक पहुंचाना आसान नहीं था। जब इसे शिप पर लोड करने की प्रक्रिया शुरू हुई, तभी प्रकृति ने अपनी शक्ति दिखाने का फैसला किया। एक सुपर टाइफून (तूफान) दक्षिण कोरिया के तट की ओर बढ़ रहा था।
सुपर टाइफून की खबर ने सबको चौंका दिया। अब इंजीनियर्स और वर्कर्स के पास सिर्फ तीन दिन का वक्त था। बिना रुके, दिन-रात मेहनत करते हुए उन्होंने काम पूरा किया।
लेकिन चुनौती यहीं खत्म नहीं हुई। 143,000 टन वजनी इस प्लेटफॉर्म को शिप पर लोड करना अपने आप में एक बड़ा जोखिम था। समुद्र शांत होने का सिर्फ 2 घंटे का मौका मिला। इस छोटे से विंडो में टीम ने पूरा ऑपरेशन अंजाम दिया और सुपर टाइफून से पहले प्लेटफॉर्म को रवाना कर दिया।
“7,400 फीट नीचे, तेल की खोज“
जब “एप रोमेट्रिक्स” अपनी मंजिल पर पहुंचा, तो इसे 7,400 फीट गहरे समुद्र में स्थित ऑइल वेल से जोड़ना था। यह काम इतना कठिन था कि इंसानों के लिए लगभग असंभव था। रिमोटली ऑपरेटेड सबमर्सिबल्स (ROVs) का उपयोग कर इसे अंजाम दिया गया।
फाइनल टेस्ट: आखिरकार, 22,600 फीट गहराई से तेल को पंप करने का पल आया। जैसे ही पहला बैरल तेल सतह पर आया, 7 साल की मेहनत रंग लाई।
आज “एप रोमेट्रिक्स” हर दिन 1,75,000 बैरल तेल निकालता है, जो 40 लाख गाड़ियों को चलाने के लिए काफी है। शैल कंपनी का मानना है कि यह प्लेटफॉर्म अगले 40 सालों तक तेल उत्पादन करता रहेगा।