क्या आपने कभी सोचा है कि अंटार्कटिका की मोटी बर्फ की चादर के नीचे क्या छिपा हो सकता है? जहां हमारी आँखें केवल बर्फ के विस्तृत मैदानों को देख पाती हैं, वहीं इसके नीचे विशाल पर्वत, गहरी घाटियाँ, समतल मैदान और रहस्यमयी भूगर्भीय संरचनाएँ छिपी हुई हैं।
सबसे दिलचस्प इन पहाड़ियों में है गैंबर्टसेव पर्वत श्रृंखला, जो आकार और ऊँचाई में यूरोप की आल्प्स जैसी है, लेकिन यह पूरी तरह से बर्फ के नीचे दबी हुई है।
पहेली जो वैज्ञानिकों को चौंकाती रही
1958 में एक सोवियत अभियान ने भूकंपीय तकनीकों की मदद से गैंबर्टसेव पर्वतों की खोज की थी। लेकिन यह समझना अभी भी एक रहस्य है कि इतनी विशाल पर्वत श्रृंखला एक ऐसे महाद्वीप के भीतर कैसे बनी, जो पिछले करोड़ों वर्षों से भूगर्भीय रूप से स्थिर रहा है?
ज्यादातर पर्वत श्रृंखलाएँ तब बनती हैं जब दो टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं — जैसे हिमालय आज भी भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के टकराव से ऊँचा हो रहा है। लेकिन पूर्वी अंटार्कटिका में ऐसी कोई मौजूदा टकराहट नहीं देखी जाती।
एक भूगर्भीय टकराव से जन्मा रहस्य
नई अध्ययन रिपोर्ट, Earth and Planetary Science Letters में प्रकाशित हुई है, जिसके अनुसार यह पर्वतमाला लगभग 650 मिलियन वर्ष पहले अस्तित्व में आई, जब प्राचीन भूखंडों की टकराहट से गोंडवाना महाद्वीप बना।
इन टकराते भूभागों के नीचे गर्म और आंशिक रूप से पिघले हुए चट्टानों के प्रवाह से गैंबर्टसेव पर्वत उठे। लेकिन कुछ समय बाद, जब ये चट्टानें अस्थिर हो गईं, तो यह पर्वत स्वयं के भार से ढहने लगे — इसे gravitational spreading कहा जाता है। इस प्रक्रिया ने पर्वतों को आंशिक रूप से समतल कर दिया, लेकिन उनका “मूल” हिस्सा अब भी पृथ्वी की सतह के नीचे संरक्षित है।
ज़िरकॉन क्रिस्टल: समय कैप्सूल
इन पर्वतों के उद्भव और विकास का पता वैज्ञानिकों ने ज़िरकॉन (Zircon) नामक सूक्ष्म खनिजों के अध्ययन से लगाया। ये क्रिस्टल रेत-पत्थरों में पाए गए, जो कि आज से 250 मिलियन वर्ष पहले उन प्राचीन पर्वतों से बहने वाली नदियों द्वारा जमा किए गए थे।
ज़िरकॉन में मौजूद यूरेनियम धीरे-धीरे रेडियोधर्मी क्षय के ज़रिए सीसा में बदलता है, जिससे वैज्ञानिक इसकी आयु को सटीकता से माप सकते हैं। इसी तकनीक से पता चला कि:
गैंबर्टसेव पर्वत ~650 मिलियन वर्ष पहले उभरे,
~580 मिलियन वर्ष पहले हिमालय जैसी ऊंचाई प्राप्त की,
और ~500 मिलियन वर्ष पहले इनकी गहराई में पिघलन और ढहाव की प्रक्रिया खत्म हुई।
बर्फ ने बचाए इतिहास के निशान
दुनिया की अधिकतर पर्वतमालाएँ समय के साथ क्षरण या भूगर्भीय घटनाओं से बदल जाती हैं, लेकिन गैंबर्टसेव पर्वतमाला अंटार्कटिका की मोटी बर्फ की चादर के नीचे अद्वितीय रूप से संरक्षित रही है। यही कारण है कि यह पृथ्वी की सबसे प्राचीन और सबसे बेहतर संरक्षित पर्वत श्रृंखलाओं में गिनी जाती है।
हाल ही में पूर्वी अंटार्कटिका की Denman Glacier के पास मिले कुछ चट्टानों में इन प्राचीन पर्वतों से जुड़ाव के संकेत मिले हैं। भविष्य में इस तरह की खोजें हमें अंटार्कटिका के भूगर्भीय इतिहास की और परतें खोलने में मदद करेंगी।
गैंबर्टसेव पर्वत केवल भूगर्भीय रूप से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक कौतूहल की दृष्टि से भी एक अनमोल खोज हैं। ये पर्वत हमें यह दिखाते हैं कि महाद्वीपों और पर्वतों का निर्माण कैसे होता है, और कैसे बर्फ भी भूगर्भीय समयरेखा को संरक्षित रख सकती है।
भविष्य में नई तकनीकों और अभियानों की मदद से हम इस छिपी हुई पर्वतमाला के और रहस्य उजागर कर पाएँगे। अंटार्कटिका अभी भी एक अद्भुत प्रयोगशाला है — जहाँ विज्ञान के उत्तर बर्फ की परतों के नीचे छिपे हैं।