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अंटार्कटिका में मिला 9 करोड़ साल पुराना जंगल

 अंटार्कटिका, दुनिया के दक्षिणी ध्रुव पर बसा यह बर्फीला महाद्वीप, राज़ों की ऐसी पोटली है जिसे खोलने के बाद हर बार कुछ नया और चौंकाने वाला मिलता है। आइए, बर्फ के मोटे परदों के पीछे छुपी इस अनोखी और खौफनाक दुनिया के राज़ों पर एक नजर डालते हैं।

1. बर्फ के नीचे छुपी ‘जिंदा’ नदी

जी हाँ, 2022 में, वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका के लार्स बी आइस शेल्फ पर सैटेलाइट इमेज की मदद से एक अजीब सी दरार देखी। शक हुआ, तो उन्होंने हॉट वॉटर ड्रिल से 500 मीटर गहराई तक सुराख किया। वहां जो दिखा, उसने सबको चौंका दिया—बर्फ के नीचे बहती हुई एक नदी और उसके अंदर लाखों झींगा जैसे जीव!
इन जीवों का जिंदा रहना सवाल खड़ा करता है कि इस बर्फीली दुनिया में उनके खाने और जीने का इंतजाम कैसे होता होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये मृत पौधों और जीवों पर निर्भर हैं। लेकिन यहां पौधे कब और कैसे आए? यह अभी भी एक अनसुलझा रहस्य है ।

2. विशालकाय जेलीफिश का रहस्य

अंटार्कटिका के समुद्र की सतह पर 33 फीट लंबी ‘जायंट फैंटम जेलीफिश’ का देखा जाना किसी चमत्कार से कम नहीं था। ये जेलीफिश आमतौर पर समुद्र के 3,500 फीट गहरे पानी में रहती हैं। तो फिर ये सतह पर क्यों आई?
वैज्ञानिकों के पास इस सवाल का भी कोई ठोस जवाब नहीं है। क्या अंटार्कटिका के बर्फीले पानी में कुछ ऐसा है जो इन्हें यहां खींच लाता है?

3. बर्फ के नीचे छुपा 9 करोड़ साल पुराना जंगल

अंटार्कटिका की बर्फ के अंदर से फॉसिलाइज्ड रेन फॉरेस्ट के सबूत मिले हैं, जो 9 करोड़ साल पुराने हैं। यह वो समय था जब अंटार्कटिका का मौसम आज की तरह नहीं, बल्कि गर्म और हरा-भरा था। यहां के रेडियोकार्बन डेटिंग से पता चलता है कि कभी यहां पेड़, पौधे और जीव-जंतु रहे होंगे। यहां से मिले कोयले के अवशेष इस बात का सबूत हैं कि यह रेन फॉरेस्ट कई करोड़ साल तक जीवित रहा।

4. मेटियोराइट्स: हमारे ब्रह्मांड की कहानी

अंटार्कटिका के बर्फ के नीचे से वैज्ञानिकों को कई मेटियोराइट्स मिले हैं। इनमें से एक, ALH 84001, 4.5 अरब साल पुराना है और यह मंगल ग्रह से आया हुआ है।यह मेटियोराइट तब सुर्खियों में आया जब वैज्ञानिकों ने इसमें माइक्रो-फॉसिल्स के सबूत पाए। इसका मतलब, जब यह पत्थर मंगल से टूटा था, तब वहां जीवन मौजूद हो सकता था। यह खोज आज भी मंगल पर जीवन की संभावनाओं को लेकर वैज्ञानिकों को प्रेरित करती है।

5. बर्फ के अंदर टाइम कैप्सूल

अंटार्कटिका की बर्फ के अंदर, लाखों साल पुराने एयर बबल्स कैद हैं। इन बुलबुलों में मौजूद गैसें, उस समय की वायुमंडलीय स्थिति का पता लगाती हैं।
वैज्ञानिक, बर्फ के कोर को ड्रिल करके निकालते हैं और जितना गहरा कोर मिलता है, उतना ही पीछे का समय देखा जा सकता है। ये बर्फ के कोर हमारे ग्रह के अतीत को समझने और भविष्य के मौसम को अनुमानित करने में मदद करते हैं।

6. बर्फ के नीचे छुपी पहाड़ों की रहस्यमयी रेंज

1950 में, वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका की बर्फ के नीचे गैम्बर्टसेफ माउंटेन रेंज की खोज की। 1,200 किलोमीटर लंबी और 3,000 मीटर ऊंची इस रेंज की खास बात यह है कि यह अन्य पहाड़ों से बिल्कुल अलग है।आम पहाड़ों के बनने की वजह टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल होती है, लेकिन अंटार्कटिका में ऐसा कुछ नहीं है। तो फिर यह पहाड़ कैसे बने? यह सवाल वैज्ञानिकों को आज भी परेशान कर रहा है।

अंटार्कटिका: बर्फ के पीछे छुपा भविष्य का आईना

अंटार्कटिका केवल बर्फ का साम्राज्य नहीं, बल्कि अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाला एक ऐसा पुल है, जो हर बार नई कहानियां सुनाता है। यह हमें सिखाता है कि हमारे ग्रह के सबसे ठंडे हिस्से में भी जीवन और प्रकृति के रहस्य छुपे हैं।
क्या हमें इन रहस्यों को जानने का अधिकार है? या यह प्रकृति का निजी खजाना है, जिसे छेड़ना हमारी जिम्मेदारी से परे है?
आपका क्या मानना है?

 

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