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वैज्ञानिकों ने बनाया स्तनधारी मस्तिष्क का अब तक का सबसे विस्तृत ‘सर्किट डायग्राम’

मानव मस्तिष्क की जटिलताओं को समझने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक चूहे के मस्तिष्क के छोटे से हिस्से – केवल एक घन मिलीमीटर के आकार – का अब तक का सबसे विस्तृत 3D सर्किट मैप तैयार किया है। यह प्रयास मस्तिष्क की संरचना, कार्यप्रणाली और न्यूरॉन संचार को समझने के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।

क्या है यह नक्शा?

यह नक्शा चूहे के दृश्य प्रांतस्था (visual cortex) क्षेत्र का है और इसमें:

  • 84,000 न्यूरॉन्स,

  • 50 करोड़ सिनैप्स (synapses),

  • तथा 5.4 किलोमीटर लंबी न्यूरॉन वायरिंग को ट्रैक किया गया है।

यह अध्ययन MICrONS प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसे IARPA (Intelligence Advanced Research Projects Activity) द्वारा समन्वित किया गया।

कैसे किया गया यह कार्य?

  1. Baylor College of Medicine में वैज्ञानिकों ने विशेष माइक्रोस्कोप से चूहे के मस्तिष्क की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया, जब वह विभिन्न वीडियो क्लिप्स देख रहा था।

  2. इसके बाद Allen Institute ने उसी मस्तिष्क के हिस्से को 25,000 से अधिक परतों में काटा, जिनमें से प्रत्येक की मोटाई एक मानव बाल की मोटाई के 1/400वें हिस्से जितनी थी।

  3. इन परतों की उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग के बाद, Princeton University की टीम ने AI और मशीन लर्निंग की मदद से पूरी 3D संरचना तैयार की।

इस प्रक्रिया में लगभग 1.6 पेटाबाइट डेटा इकट्ठा हुआ, जो लगभग 22 साल की HD वीडियो के बराबर है।

क्यों है यह खोज महत्वपूर्ण?

  • यह अध्ययन नई न्यूरॉन कोशिकाओं के प्रकारों की पहचान करता है।

  • इनहिबिटरी सेल्स (inhibitory neurons) को लेकर पहले जो समझ थी, उसे चुनौती देता है। अब यह माना जा रहा है कि ये सेल्स सिर्फ ‘दबाने’ वाले नहीं हैं, बल्कि चुनिंदा और रणनीतिक रूप से जुड़ने वाले तत्व हैं जो मस्तिष्क के नेटवर्क को सहयोगात्मक रूप से संचालित करते हैं।

इसका क्या मतलब है हमारे लिए?

  • अल्जाइमर, पार्किंसन, ऑटिज़्म, स्किज़ोफ्रेनिया जैसे मस्तिष्क संबंधी रोगों को समझने में यह मदद कर सकता है।

  • जैसा कि वैज्ञानिक Dr. Nuno da Costa ने कहा, “अगर आपके पास एक रेडियो खराब हो और आपके पास उसका सर्किट डायग्राम हो, तो उसे ठीक करना आसान हो जाता है।”

   अब जब हमारे पास एक “Google Map” जैसा मस्तिष्क का खाका है, तो वैज्ञानिक इसे बीमार और स्वस्थ मस्तिष्क की तुलना में उपयोग कर सकते हैं। इससे हमें न सिर्फ न्यूरोलॉजिकल रोगों को समझने में मदद मिलेगी, बल्कि संभावित इलाज की दिशा में भी रास्ता खुलेगा।

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