आज की दुनिया में कंप्यूटर हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन अब एक नई तकनीकी क्रांति आ रही है— क्वांटम कंप्यूटर। ये ऐसे सुपरफास्ट कंप्यूटर हैं, जो आज के सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटरों से भी लाखों गुना ज्यादा ताकतवर हो सकते हैं। आइए जानते हैं, यह तकनीक कैसे काम करती है और इसका भविष्य कैसा होगा।
दुनिया का सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर
अभी दुनिया का सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर एल कैप्टन है, जिसकी कीमत करीब 55,000 करोड़ रुपये है। यह हर सेकंड दो क्विंटल कैलकुलेशन कर सकता है। लेकिन, Google की नई क्वांटम चिप इससे भी कई गुना तेज़ है। यह ऐसे कैलकुलेशन सेकंडों में कर सकती है, जिनमें आज के सुपर कंप्यूटर को ब्रह्मांड की उम्र से भी 500 ट्रिलियन गुना अधिक समय लग जाएगा।
क्वांटम कंप्यूटर क्या है?
क्वांटम कंप्यूटर, आज के सामान्य कंप्यूटरों से पूरी तरह अलग होते हैं। ये क्वांटम सिद्धांतों पर काम करते हैं, जैसे कि सुपरपोजिशन और एंटैंगलमेंट। ये सिद्धांत इन्हें बेहद तेज़ और शक्तिशाली बनाते हैं।
क्वांटम कंप्यूटर से क्या-क्या संभव होगा?
- एलियन जीवन की खोज – ये अरबों-खरबों ग्रहों में जीवन की संभावनाओं को तेजी से खोज सकते हैं।
- स्पेस ट्रैवल – रोशनी की गति से यात्रा करने की तकनीक और वॉर्महोल्स का निर्माण संभव हो सकता है।
- चिकित्सा में क्रांति –
- शरीर की हर बीमारी का स्थायी इलाज मिल सकता है।
- इंसानी जीवन 150-200 साल तक बढ़ सकता है।
- इंसान की यादों और सोच को रोबोट में अपलोड कर अमरता प्राप्त की जा सकती है।
- जलवायु और ब्रह्मांडीय समस्याएं – ये तकनीक जलवायु परिवर्तन और ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में मदद कर सकती है।
कंप्यूटर का इतिहास
कंप्यूटर का इतिहास 2,000 साल पुराना है। सबसे पुराना ज्ञात कंप्यूटर ग्रीस का एंटीकीथेरा मैकेनिज्म था, जो ग्रहों की स्थिति और सूर्यग्रहण की भविष्यवाणी करता था।
1642 में, फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने पहला मैकेनिकल कैलकुलेटर बनाया, जो जोड़-घटाव कर सकता था। बाद में, जर्मन वैज्ञानिक गॉटफ्रीड लाइबनिज़ ने इसे उन्नत किया और ऐसा कैलकुलेटर बनाया, जो गुणा-भाग भी कर सकता था।
मॉडर्न कंप्यूटर की शुरुआत

चार्ल्स बैबेज, जिन्हें “आधुनिक कंप्यूटर का जनक” कहा जाता है, ने 19वीं सदी में एक ऐसी मशीन विकसित की, जो गणनाओं की गलतियों को कम कर सकती थी। उनके प्रयासों ने आधुनिक कंप्यूटर की नींव रखी।
हालांकि, क्वांटम कंप्यूटर को अभी भी घर-घर तक पहुँचने के लिए सस्ता और उपयोग में आसान बनाना बाकी है। इस दिशा में Google, IBM और Xanadu जैसी कंपनियाँ काम कर रही हैं।