1977 में, समुद्र के अंदर एक अनोखी और रहस्यमयी आवाज, जिसे “ब्लूप” कहा गया, रिकॉर्ड की गई। यह आवाज इतनी शक्तिशाली थी कि 5000 किमी दूर भी इसे सुना गया। शुरुआत में इसे एक विशाल समुद्री प्राणी का संकेत माना गया, लेकिन 2012 में इसे ग्लेशियर मूवमेंट का परिणाम बताया गया।
पॉइंट नीमो: धरती का सबसे वीरान स्थान
पॉइंट नीमो, दक्षिण प्रशांत महासागर का एक ऐसा स्थान है जो चारों तरफ से हजारों किलोमीटर तक जमीन से कटा हुआ है। यहां नजदीकी इंसान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर होते हैं। इस इलाके में पोषण की कमी और ठंडे पानी के कारण समुद्री जीवन भी दुर्लभ है।
आखिर क्यों पॉइंट निमो को स्पेसक्राफ्ट का कब्रिस्तान कहा जाता है ?
पॉइंट नीमो को “स्पेसक्राफ्ट कब्रिस्तान” कहा जाता है। 1992 में खोजे गए इस स्थान का उपयोग टूटे हुए सैटेलाइट्स और स्पेसक्राफ्ट्स को गिराने के लिए किया जाता है। आज यहां 260 से अधिक अंतरिक्ष यान और सैटेलाइट्स के टुकड़े पड़े हैं। 2030 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भी यहीं गिराया जाएगा।
सैटेलाइट्स को पॉइंट नीमो तक कैसे लाया जाता है?
सैटेलाइट्स की एक्सपायरी डेट के बाद उन्हें पृथ्वी की कक्षा से हटाकर पॉइंट नीमो तक लाने के लिए थ्रस्टर्स का उपयोग किया जाता है। वायुमंडल में घुसने पर तेज घर्षण के कारण ये आग का गोला बन जाते हैं और अधिकतर मलबा जलकर नष्ट हो जाता है।
पॉइंट नीमो का महत्व और सुरक्षा कारण
पॉइंट नीमो का नाम लैटिन शब्द “नीमो” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “कोई नहीं।” यह स्थान इतना अलग-थलग है कि यहां से गुजरने वाले जहाजों की संख्या भी न के बराबर है। यह स्थान वैज्ञानिक अनुसंधानों और मानव सुरक्षा के लिए बेहद अहम है, क्योंकि यह सैटेलाइट मलबे को आबादी से दूर रखता है।