क्या हम प्रकाश को ऐसे नियंत्रित कर सकते हैं जैसे हम विद्युत को करते हैं? राइस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस सवाल का उत्तर देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
राइस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अत्याधुनिक 3D फोटोनिक क्रिस्टल कैविटी (Photonic Crystal Cavity) विकसित की है, जो प्रकाश को बेहद सटीक तरीकों से फँसाने और नियंत्रित करने में सक्षम है। यह तकनीक प्रकाश और पदार्थ के बीच होने वाले परस्पर क्रिया के स्वरूप को पूरी तरह से बदल सकती है, और यही नहीं, यह तकनीक क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन और अन्य उभरती हुई क्वांटम तकनीकों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।
प्रकाश और पदार्थ का नया रिश्ता
इस अनुसंधान का प्रमुख उद्देश्य था यह समझना कि जब प्रकाश को एक विशेष संरचना में फँसाया जाता है और उसे मुक्त गति वाले इलेक्ट्रॉनों के साथ टकराने दिया जाता है, तो क्या होता है? इसके लिए वैज्ञानिकों ने 3D फोटोनिक क्रिस्टल नामक एक विशेष ऑप्टिकल कैविटी का निर्माण किया।
“कल्पना कीजिए कि आप दर्पणों से घिरे एक कमरे में खड़े हैं,” अध्ययन के प्रमुख लेखक फुयांग टे ने कहा। “अगर आप टॉर्च जलाएँगे, तो उसका प्रकाश बार-बार दर्पणों से टकरा कर परावर्तित होता रहेगा। यही अवधारणा ऑप्टिकल कैविटी में लागू होती है।”
पोलैरिटॉन: जब प्रकाश और पदार्थ एक हो जाते हैं
इस संरचना की खास बात यह है कि यह प्रकाश और इलेक्ट्रॉनों के बीच इतनी तेज़ी से ऊर्जा का आदान-प्रदान करवा सकती है कि वे दोनों एक नई अवस्था — पोलैरिटॉन (Polaritons) — बना लेते हैं। यह एक प्रकार की हाइब्रिड क्वांटम अवस्था होती है, जिसमें प्रकाश और पदार्थ दोनों की विशेषताएँ होती हैं।
इन पोलैरिटॉनों की मदद से हम प्रकाश को बहुत ही छोटे पैमानों पर नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे क्वांटम कंप्यूटर और क्वांटम सर्किट अत्यधिक तेज़ और ऊर्जा कुशल बन सकते हैं।
“अल्ट्रास्ट्रॉन्ग कपलिंग” की दुनिया में प्रवेश
जब यह प्रकाश-माध्यम इंटरैक्शन इतना तीव्र हो जाता है कि ऊर्जा का आदान-प्रदान लगभग बिना किसी नुकसान के होता है, तब वैज्ञानिक इसे Ultrastrong Coupling Regime कहते हैं। राइस यूनिवर्सिटी की यह खोज इस उन्नत अवस्था को प्रयोगशाला में साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
Andrey Baydin and Fuyang Tay
यह खोज इस बात का प्रमाण है कि कैसे 3D फोटोनिक क्रिस्टल जैसी संरचनाएँ न केवल वैज्ञानिकों को क्वांटम अवस्था को स्थिर करने में मदद कर सकती हैं, बल्कि वे नए-नए रास्ते खोल सकती हैं — जैसे कि हाई-स्पीड डेटा ट्रांसमिशन, सटीक क्वांटम सेंसर्स, और अत्यधिक कुशल क्वांटम प्रोसेसर।
राइस यूनिवर्सिटी में कार्यरत प्रोफेसर जुनिचिरो कोनो ने कहा, “क्वांटम अवस्था अत्यंत नाज़ुक होती है, और एक कैविटी आधारित संरचना इन अवस्थाओं को स्थिर रखने और नियंत्रित करने में सहायता करती है। “