रेत के समंदर जैसा दिखने वाला थार डेजर्ट अचानक से हरे-भरे जंगल में तब्दील होता जा रहा है। जहां कभी सिर्फ 150 मिमी बारिश होती थी, वो जगह अब बारिश की बढ़ती मात्रा से बदलती दिख रही है। लेकिन इस परिवर्तन के पीछे कारण क्या है? आइए, इस अद्भुत बदलाव को समझते हैं और इसके भविष्य पर नज़र डालते हैं।
थार का मौसम: तपिश और ठंडक का संगम
थार का रेगिस्तान अपने तापमान के लिए जाना जाता है। जहां सर्दियों में तापमान -5°C तक गिर जाता है, वहीं गर्मियों में ऐसी गर्मी पड़ती है कि हमारे सोल्जर्स तक वहां पापड़ सेक सकते हैं। हालांकि, इन परिस्थितियों के बावजूद, यह इलाका अब बदल रहा है।
ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव:
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिस ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया में कई जगहों पर हरियाली खत्म हो रही है, वहीं थार में इसका उल्टा असर दिख रहा है। वातावरण में बढ़ता तापमान थार में ग्रीन कवर को बढ़ावा दे रहा है। यह स्थिति भले ही शुरुआत में सुखद लगे, लेकिन यह लंबी अवधि में भारत के लिए खतरे की घंटी है। इस ग्रीनिंग की वजह से थार में जलवायु संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे बारिश की कमी और खाद्यान्न संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
नेहरू सरकार का इंदिरा गांधी कैनाल प्रोजेक्ट
आजादी के बाद, जवाहरलाल नेहरू ने थार की इस पानी की समस्या का हल ढूंढने का निर्णय लिया। 1957 में पाकिस्तान के साथ ‘इंडस वाटर ट्रीटी’ साइन कर, पंजाब की नदियों से पानी को राजस्थान तक पहुंचाने के लिए ‘इंदिरा गांधी कैनाल’ का निर्माण किया। 1985 में इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद, थार में कृषि भूमि का विस्तार हुआ, और क्रॉपिंग एरिया में दोगुना इजाफा देखने को मिला।
विदेशी बाबुल: हरा करने का सरल उपाय
थार के ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए भारतीय सरकार ने विदेशी बाबुल (प्रोसोपिस जूलिफ्लोरा) नामक पौधे का प्रयोग किया। यह पौधा थार की रेतली मिट्टी में आसानी से बढ़ता है और मिट्टी में नाइट्रोजन बढ़ाता है, जो फसल की उपजाऊ क्षमता को बढ़ावा देता है। इसकी तेज़ी से फैलने की क्षमता ने पूरे थार में हरियाली ला दी है। आज, थार के कई क्षेत्रों में इस पौधे के कारण हरियाली दिखाई देती है।
भविष्य के लिए चुनौतियां
भले ही थार में हरियाली बढ़ रही है, लेकिन यह बदलाव असंतुलन का संकेत है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बढ़ता तापमान और बारिश के पैटर्न में बदलाव भविष्य में भारत के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं। इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए, हमें ऐसी योजनाओं पर काम करने की ज़रूरत है जो इस प्राकृतिक बदलाव के असर को संतुलित कर सकें और आने वाले संकट से बचा सकें।
थार का रेगिस्तान हरे जंगल में बदलना विज्ञान और प्रकृति के चमत्कार का एक अनोखा उदाहरण है। यह दिखाता है कि पर्यावरण में हो रहे बदलाव कैसे एक जगह को विपरीत दिशा में प्रभावित कर सकते हैं।